परिसीमन को लेकर ग्रामीणों ने उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सोंपा

परिसीमन को लेकर ग्रामीणों ने उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सोंपा
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धनोप (राजेश शर्मा) । राजपुरा के ग्रामीणों ने उपखण्ड अधिकारी को कार्यालय फुलियां कलां में ज्ञापन सोंपा कि ग्राम पंचायत परिसीमन में ग्राम राजपुरा को नवसृजित ग्राम पंचायत रलायता में रखने के लिए आग्रह किया कि ग्राम राजपुरा जो कि वर्तमान में हुकम्मपुरा ग्राम पंचायत में पड़ता है जहां आने-जाने में परेशानी होती है उधर जाने का कच्चा रास्ता है और नवसृजित ग्राम पंचायत रलायता की दुरी हमसे दो किलोमीटर है सीधा पक्के रोड से जुड़ा हुआ है इसलिए नवसृजित ग्राम पंचायत रलायता में राजपुरा को जोड़ा जाए और विवाद को खत्म करते हुए हमें नवसृजित ग्राम पंचायत में रखा जाये ताकि कोई विवाद की स्थित पैदा नहीं हो और हमे भी सुविधा रहे। अन्यथा मजबूरन हमें धरना प्रदर्शन करना पड़ेगा और ग्रामवासी समस्त लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का बहिष्कार करते हुए मतदान का भी बहिष्कार करेंगें। उपरोक्त सब चीजों से बचते हुए हमें राहत प्रदान कर नवसृजित ग्राम पंचायत में रखा जाये। राजपुरा ग्रामीणों ने यह भी बताया कि किसी भी नवसृजित ग्राम पंचायत में हमें रखें लेकिन हमें हुकुम्मपुरा ग्राम पंचायत में हमें नही रहना है।

उपरोक्त विषयान्तर्गत निवेदन है कि हाल ही में 31/01/2025 को फुलियां कलां तहसील की पंचायत की अस्थायी सूची जारी हुई है। जिसमें रलायता ग्राम पंचायत का दर्जा दिया गया है। परन्तु साथ ही रलायता ग्राम का ही एक (मजरा/ढाणी) हंसपुरा जिसकी सामान्य बोलचाल की भाषा में रलायता का खेड़ा कहा जाता है जो कि रलायता ग्राम से मात्र लगभग 100 मीटर दूर है। दोनो गांवों के विद्यालय पास में है। दोनों विद्यालयों की बाउन्डरी की दूरी 0 मीटर है तथा पूर्व के ग्राम पंचायत चुनावों में कभी हंसपुरा एक रलायता ग्राम का वार्ड हुआ करता था। (जो कि चुनाव विभाग से मिल जायेगा) हंसपुरा ग्राम की लगभग सभी जातियां मूलतः रलायता ग्राम से निकलकर हंसपुरा में रहने लग गयी है जिसमें सम्पूर्ण भील बस्ती, सम्पूर्ण मेघवंशी बस्ती एवं अन्य जातियां जो लगभग इसी गांव से निकलकर परिवाद वृद्धि एवं जनसंख्या वृद्धि के कारण मात्र एक (खाल/बाल्ला) को छोड़कर उसके दूसरी तरफ दक्षिण की और खाली जगह होने के कारण रहने लग गये है। जिनके मूल परिवार और उन परिवारों की जगह जिसको राजस्थानी भाषा में गुवाड़ी कहते है जो अभी भी उन्ही बस्तियों के उन्ही लोगो की गुवाड़ी के नाम से जानी जाती है। परन्तु परिसिमन कर्ताओं या परिसिमन कमेटी की भूलवस हंसपुरा को वर्तमान पुर्ननिम्ति पंचायत रलायता से निकलकर पूर्व पंचायत हुकुम्मपुरा जिसकी दूरी ग्राम पंचायत मुख्यालय से 3 की. मी. दूर है जिसमे दर्शाया गया है। जो कि इन भोले भाले एस. सी. / एस. टी. के लोगों कि ग्राम हंसपुरा में 90% आबादी है। उन लोगों की जन भावनाओं के विपरित है एवं उनकी मानसिकता को मानसिक रूप में दिव्यांग करने जैसा प्रतीत होता है। केवल मात्र नाम से ही हंसपुरा व रलायता को अलग माना जाता है। परन्तु वर्तमान भौगोलिक स्थित का अगर अवलोकन किया जाता है तो दोनों गांवों को अलग नहीं माना जा सकता। जिससे सभी ग्राम वासियों की सम्पूर्ण सहमति नव गठित ग्राम पंचायत रलायता में रहने की है। अगर हम एस. सी. / एस. टी. के लोगों की जन भावनाओं के विपरित प्रशासन कोई निर्णय करता है तो आन्दोलन किया जायेगा। जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। तत्काल प्रभाव से अवलोकन करवा कर नवगठित रलायता ग्राम पंचायत में मिलाया जाए। ज्ञापन देते समय दोनों गांवों के ग्रामवासी मौजूद रहे।

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