महाराणा सांगा पर अमर्यादित टिप्पणी से उपजा आक्रोश, सांसद से माफी की मांग,सौंपा ज्ञापन

शाहपुरा (किशन वैष्णव ) । देश की आजादी के 77 वर्ष पूर्ण होने पर अमृत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, लेकिन इसी बीच राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन द्वारा राष्ट्र गौरव महाराणा सांगा के खिलाफ की गई अमर्यादित टिप्पणी से जनता में आक्रोश फैल गया है।जिसको लेकर शाहपुरा युवा समाज ने एक ज्ञापन वरिष्ठ अधिवक्ता दीपक पारीक के नेतृत्व में राज्यपाल के नाम तहसीलदार को दिया।एडवोकेट दीपक पारीक ने बताया कि महाराणा सांगा 1508-1528) का शासन भारतीय इतिहास का स्वर्णिम काल माना जाता है। उन्होंने 1517 में दिल्ली के सुल्तान इब्राहीम लोदी को खातोली युद्ध के दौरान 1518 में बाड़ी के युद्ध में, 1519 में गागरोन के युद्ध में मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी द्वितीय को, 1520 में इडर के युद्ध में गुजरात के शासक मुजफ्फर शाह द्वितीय को हराया। इतना ही नहीं, 1527 में उन्होंने बाबर को बयाना के युद्ध में शिकस्त दी और खानवा के युद्ध में भी अद्वितीय पराक्रम दिखाया।
युवा कार्यकर्ता प्रियेश सिंह यदुवंशी ने कहा कि सांसद की इस टिप्पणी से न केवल मेवाड़ बल्कि पूरे देश के लोग आहत हुए हैं। शाहपुरा समाज ने इसे वीरों के सम्मान के खिलाफ बताते हुए विरोध दर्ज कराया है। समाज ने मांग की है कि सांसद रामजी लाल सुमन सार्वजनिक रूप से माफी मांगें, अन्यथा उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी राष्ट्रनायकों के सम्मान को ठेस न पहुंचा सके।अधिवक्ता लालाराम गुर्जर ने कहा कि इस पूरे प्रकरण से जनमानस में गहरी नाराजगी देखी जा रही है। अब देखना होगा कि सांसद इस पर क्या रुख अपनाते हैं और सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है। ज्ञापन में वरिष्ठ अधिवक्ता गजेंद्र प्रताप राणावत लालाराम गुर्जर प्रियेश सिंह यदुवंशी कमलेश मुंडेतिया कुलदीप सिंह यादव, अभय गुर्जर, गणपत बंजारा, विकास खटीक, रवि माली, सागर चावला, सांवरमल खारोल आदि उपस्थित रहे।