हाईकोर्ट ने ग्राम पंचायत पंडेर प्रशासक को हटाने के आदेश पर लगाई रोक

जहाजपुर (मोहम्मद आज़ाद नेब) राजस्थान हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम आदेश में ग्राम पंचायत के प्रशासक को हटाने संबंधी राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है। जस्टिस दिनेश मेहता की एकल पीठ ने यह अंतरिम राहत देते हुए मामले में छह सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है।
याचिकाकर्ता ममता मुकेश जाट की ओर से अधिवक्ता ने दलील दी कि 7 मई 2025 को जारी आदेश, जिसमें उन्हें प्रशासक पद से हटाया गया, और 8 मई 2025 को जारी चार्जशीट, दोनों ही प्रक्रिया में त्रुटिपूर्ण हैं। उनका तर्क था कि चार्जशीट जारी करने का अधिकार केवल राज्य सरकार के पास है, न कि संभागीय आयुक्त के पास, जिन्होंने यह चार्जशीट जारी की। याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि प्रारंभिक जांच उसी पंचायत समिति के सदस्यों द्वारा की गई, जिससे निष्पक्षता पर प्रश्न उठते हैं। साथ ही, राज्य सरकार द्वारा 1 मई 2025 को जारी परिपत्र के अनुसार इस प्रकार की जांच समिति का गठन वैध नहीं था।
याचिका में यह भी कहा गया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और उन पर कोई स्पष्ट कदाचार प्रमाणित नहीं होता। हाईकोर्ट ने प्रथम दृष्टया मामले को विचारणीय मानते हुए राज्य सरकार, जिला कलेक्टर, पंचायत राज विभाग सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया है और जवाब के लिए छह सप्ताह का समय दिया है। इस बीच, कोर्ट ने 7 मई 2025 के आदेश और 8 मई 2025 की चार्जशीट के आधार पर की जा रही किसी भी कार्रवाई पर रोक लगा दी है। यह आदेश अगली सुनवाई तक प्रभावी रहेगा।
ग्राम पंचायत पंडेर की प्रशासक ममता मुकेश जाट ने कोर्ट के इस आदेश पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सत्य की जीत हुई है, सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नही।