सहजयोग शिविर में कुंडलिनी जागरण और चैतन्य की अनुभूति, शाहपुरा में बढ़ी आध्यात्मिक चेतना

सहजयोग शिविर में कुंडलिनी जागरण और चैतन्य की अनुभूति, शाहपुरा में बढ़ी आध्यात्मिक चेतना
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शाहपुरा-पेसवानी। शाहपुरा शहर में आध्यात्मिकता और मानसिक शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत रामकोठी परिसर में सहजयोग सार्वजनिक आत्मसाक्षात्कार एवं ध्यान शिविर का भव्य आयोजन किया गया। इस आयोजन ने न केवल नागरिकों को ध्यान एवं आत्मजागृति की दिशा में प्रेरित किया, बल्कि उनके मन, शरीर और आत्मा को एक नई ऊर्जा से भी ओतप्रोत किया।

शिविर की शुरुआत श्रीराम महिमा के प्रभावशाली प्रेजेंटेशन से हुई, जिसमें प्रभु श्रीराम के जीवन आदर्शों और मर्यादाओं के माध्यम से जीवन में सकारात्मकता लाने की प्रेरणा दी गई। इसके बाद सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ ने शिविर को भक्तिरस से सराबोर कर दिया। शिविर में भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने एक स्वर में रामभक्ति में लीन होकर ध्यान की शक्ति का अनुभव किया।

शिविर में सहजयोग के प्रायोगिक अभ्यास के माध्यम से उपस्थित लोगों को बताया गया कि किस प्रकार सामान्य जीवन में रहकर भी आत्मज्ञान की प्राप्ति संभव है। प्रशिक्षकों ने बताया कि सहजयोग के माध्यम से कुंडलिनी शक्ति का जागरण कर आत्मा को परम चैतन्य से जोड़ा जा सकता है, जिससे जीवन में मानसिक शांति, आत्मबल, विवेकशीलता और ऊर्जा का संचार होता है।

इस एक दिवसीय शिविर में कोटा जिला समन्वयक राहुल कौशिक एवं सहजयोग शिक्षिका आकांक्षी शर्मा ने गहन जानकारी दी कि नियमित रूप से ध्यान करने से शरीर के ऊर्जा केंद्रों (चक्रों) और नाड़ियों का शुद्धिकरण होता है। इससे व्यक्ति को न केवल आध्यात्मिक बल्कि मानसिक और शारीरिक स्तर पर भी अनेक लाभ मिलते हैं। प्रशिक्षकों ने बताया कि ईर्ष्या, द्वेष, क्रोध, क्लेश जैसे मानसिक विकार सहजयोग से धीरे-धीरे समाप्त हो जाते हैं। व्यक्ति भीतर से मजबूत और शांत बनता है। तनाव, चिंता, अवसाद एवं दुव्र्यसनों से भी मुक्ति मिलती है। बच्चों में एकाग्रता, स्मरणशक्ति, बौद्धिक विकास एवं नैतिक मूल्यों का भी विकास होता है।

शिविर का आयोजन सहजयोग परिवार भीलवाड़ा के जिला समन्वयक भंवरलाल विश्वकर्मा के निर्देशन एवं शाहपुरा के पूर्व पालिका अध्यक्ष अनिल चैधरी के संयोजन में किया गया। कार्यक्रम को सुव्यवस्थित रूप से संचालित किया गया, जिसमें लोगों को अभ्यास के माध्यम से स्वयं आत्म साक्षात्कार करने का मार्ग दिखाया गया।

शिविर के दौरान सहजयोग के माध्यम से तनावमुक्त जीवन, दुव्र्यसनों से छुटकारा, एकाग्रता और सृजन शक्ति में वृद्धि, आत्मविश्वास में बढ़ोतरी जैसे विषयों को लेकर अभ्यास कराए गए। प्रतिभागियों ने इन अनुभवों को अत्यंत प्रभावी और जीवनदायिनी बताया।

शिविर में शाहपुरा की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों, खिलाड़ियों, महिलाओं, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। यह आयोजन सामूहिक चेतना और सकारात्मक ऊर्जा का उत्कृष्ट उदाहरण बनकर सामने आया।

सहजयोग परिवार के प्रवक्ता ने बताया कि सहजयोग की स्थापना परम पूज्य श्रीमाता निर्मला देवी द्वारा वर्ष 1970 में की गई थी। उन्होंने सहज जीवन जीते हुए व्यक्ति को परमात्मा से जोड़ने का मार्ग दिखाया। आज दुनिया भर में लाखों लोग सहजयोग से जुड़े हैं और लाभ उठा रहे हैं।

कार्यक्रम के समापन पर सभी संभागियों को प्रसाद वितरित किया गया। कार्यक्रम के संयोजक पूर्व पालिका अध्यक्ष अनिल चैधरी ने सभी आगंतुकों, प्रशिक्षकों, सहभागियों और सहयोगी संस्थाओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से समाज में आध्यात्मिकता की भावना बढ़ती है और युवाओं को सही दिशा मिलती है।

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