जहाजपुर में अग्रसेन जयंती: परंपरा, संस्कृति और सामाजिक एकता का संगम

जहाजपुर (मोहम्मद आज़ाद नेब) नगर का माहौल सोमवार को कुछ अलग ही था। मुख्य बाजारों से गुजरते समय हर किसी के चेहरे पर मुस्कान और हाथों में फूल नजर आ रहे थे। अवसर था महाराजा अग्रसेन जयंती का, जब वैश्य समाज ने परंपरा और संस्कृति का अनूठा संगम पेश किया।
बैंड-बाजों की गूंज, पुष्प वर्षा और भगवान राधा–कृष्ण व शिव–पार्वती की झांकियों ने शोभायात्रा को भव्यता के साथ भावनात्मक रंग भी दिया। नगरवासी चाहे व्यापारी हों या ग्रामीण, सभी ने समाजबंधुओं का खुले दिल से स्वागत कर यह संदेश दिया कि त्यौहार केवल समाज तक सीमित नहीं, पूरे नगर का उत्सव होते हैं।
समाज के अध्यक्ष धनश्याम नागौरी, क्षेत्रीय अध्यक्ष घनश्याम नागोरी, सचिव ओम डाणी और अन्य गणमान्यों ने जहां महाराजा अग्रसेन के आदर्शों को आत्मसात करने की अपील की, वहीं युवाओं ने शोभायात्रा में बढ़-चढ़कर शामिल होकर अपनी ऊर्जा और उत्साह से माहौल को जीवंत कर दिया।
खास बात यह रही कि अग्रवाल समाज ने पूरे बाजार को बंद रखकर यह जताया कि जयंती केवल धार्मिक या पारंपरिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एकजुटता और त्याग का प्रतीक है।
रात्रि में होने वाले सम्मान समारोह और सांस्कृतिक संध्या को लेकर बच्चों और युवाओं में उत्साह चरम पर है। यह दिन जहाजपुर के लिए केवल एक स्मृति नहीं बल्कि सामूहिकता का उत्सव बन गया।
