बालिका विद्यालय में अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के तहत मनाया गया सांप्रदायिक सौहार्द दिवस

बालिका विद्यालय में अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के तहत मनाया गया सांप्रदायिक सौहार्द दिवस
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शाहपुरा-मूलचन्द पेसवानी । पीएम श्री वीर माता माणिक कंवर राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, शाहपुरा में अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के तृतीय दिवस पर सांप्रदायिक सौहार्द दिवस बड़े ही उत्साह और आध्यात्मिक वातावरण में मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय में “विविधता में एकता भारत की पहचान” विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें छात्राओं ने देश की एकता, अखंडता और धार्मिक सहिष्णुता के भावों को अपने लेखन के माध्यम से अभिव्यक्त किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय प्रार्थना सभा से हुआ। इस दौरान अणुव्रत समिति शाहपुरा के अध्यक्ष रामस्वरूप काबरा ने छात्राओं को अणुव्रत के मूल सिद्धांतों की जानकारी देते हुए कहा कि “अणुव्रत केवल उपदेश नहीं, बल्कि जीवन जीने का एक सरल और नैतिक मार्ग है। यदि विद्यार्थी जीवन में सत्य, अहिंसा और सहिष्णुता को अपनाएं, तो समाज में स्वतः सौहार्द और शांति स्थापित हो सकती है।” उन्होंने बालिकाओं से यह भी आह्वान किया कि वे अपने जीवन में ‘मैं किसी का अहित नहीं करूंगी, असत्य नहीं बोलूंगी, और सभी धर्मों का सम्मान करूंगी’ जैसे अणुव्रत संकल्पों को अपनाएं।

विद्यालय की प्रधानाचार्य रीता धोबी ने इस अवसर पर कहा कि अणुव्रत आंदोलन की स्थापना का उद्देश्य समाज में नैतिकता और सदाचार की भावना को प्रबल करना था। उन्होंने बताया कि जैनाचार्य तुलसी द्वारा प्रारंभ किया गया यह आंदोलन किसी एक धर्म तक सीमित नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता के कल्याण का प्रतीक है। छात्राओं को उन्होंने प्रेरित किया कि वे लेखन के साथ-साथ अपने दैनिक जीवन में भी इन मूल्यों को आत्मसात करें।

निबंध प्रतियोगिता में बालिकाओं ने अपनी रचनात्मकता और संवेदनशीलता का सुंदर प्रदर्शन किया। “विविधता में एकता” विषय पर छात्राओं ने भारत की संस्कृति, परंपरा, भाषाओं और धर्मों की विविधता को देश की सबसे बड़ी शक्ति बताया। प्रतियोगिता में राजलक्ष्मी वैष्णव ने प्रथम, भूमिका कोली ने द्वितीय तथा आराध्या सेन ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। तीनों विजेताओं को कल विद्यालय की प्रार्थना सभा में सम्मानित कर पारितोषिक प्रदान किए जाएंगे।

कार्यक्रम के आयोजन और मूल्यांकन में रेखा जैन, पीयूष गदिया एवं प्रशासनिक अधिकारी कैलाश चंद्र शर्मा ने सक्रिय सहयोग दिया। निर्णायक मंडल ने बताया कि छात्राओं के लेखन में विचारों की परिपक्वता और राष्ट्रप्रेम की भावना स्पष्ट झलकी।

अणुव्रत समिति अध्यक्ष काबरा ने अंत में कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द और विविधता में एकता की भावना ही भारत को विश्व में अद्वितीय बनाती है। उन्होंने यह भी कहा कि आज के युग में जब समाज में मतभेद बढ़ रहे हैं, तब ऐसे आयोजन युवा पीढ़ी को एकता और सद्भाव की शिक्षा देने का सशक्त माध्यम बन सकते हैं।

कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की शिक्षिका रेखा जैन ने किया तथा आभार प्रदर्शन पीयूष गदिया ने व्यक्त किया। विद्यालय परिसर में पूरे दिन अणुव्रत के संदेशों और सामूहिक प्रार्थनाओं से वातावरण आध्यात्मिक और प्रेरणादायी बना रहा। कार्यक्रम का समापन “जय अणुव्रत जय सदाचार” के उद्घोष के साथ हुआ।

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