पीड़ित महिला को अवाप्ति भूमि का मुआवजा नहीं मिला, दस वर्ष से भटक रही है न्याय के लिए

फूलियाकलां राजेश शर्मा। राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवाप्त की गई जमीन का मुआवजा नहीं मिलने से पनोतिया निवासी प्रेमलता देवी दस वर्षों से प्रशासनिक दफ्तरों के चक्कर काट रही हैं। लगातार परेशानियों और अनदेखी के कारण महिला का मानसिक संतुलन भी बिगड़ने लगा है, लेकिन अधिकारियों की ओर से अब तक किसी तरह की ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

प्रेमलता देवी ने बताया कि उनकी खातेदारी भूमि खसरा संख्या 656, 1004 और 1003 रकबा 0.011, 0.084 और 0.086 को राष्ट्रीय राजमार्ग 148डी के निर्माण में वर्ष 2014 से 2015 के बीच अवाप्त कर लिया गया था। अवार्ड क्रमांक एनएच भीम शाहपुरा प्रकरण संख्या 88 2014 दिनांक 29 अप्रैल 2015 के आधार पर सड़क निर्माण पूरा हो चुका है और मार्ग पर टोल वसूली भी जारी है, लेकिन जमीन का मुआवजा आज तक उन्हें प्राप्त नहीं हुआ।

महिला का कहना है कि उनकी भूमि अभी भी खसरा में दर्ज है, जबकि सड़क उसी पर बनी हुई है। उन्होंने उपखंड अधिकारी शाहपुरा और सक्षम प्राधिकारी भूमि अवाप्ति कार्यालय में कई बार गुहार लगाई, परंतु प्रकरण का समाधान अब तक नहीं हुआ। प्रेमलता देवी ने प्रशासन से मांग की है कि उनकी जमीन का मुआवजा वर्तमान डीएलसी दरों के आधार पर तुरंत जारी किया जाए और उन्हें दस वर्ष से मिल रही मानसिक और आर्थिक पीड़ा से राहत दी जाए।

स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन की उदासीनता पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि एक दशक तक किसी भी तरह के भुगतान में देरी होना गंभीर लापरवाही का मामला है और पीड़ित महिला को शीघ्र न्याय मिलना चाहिए।


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