बोरड़ा बावरियान वन क्षेत्र से 500 क्विंटल लकड़ी गायब, ग्रामीणों में आक्रोश जेसीबी से तीन दिन तक चली कटाई, विभाग बेखबर

बोरड़ा बावरियान वन क्षेत्र से 500 क्विंटल लकड़ी गायब, ग्रामीणों में आक्रोश जेसीबी से तीन दिन तक चली कटाई, विभाग बेखबर
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शाहपुरा मूलचन्द पेसवानी

पंचायत समिति शाहपुरा के ग्राम पंचायत क्षेत्र बोरड़ा बावरियान में स्थित वन विभाग के आरक्षित वन क्षेत्र से बीते तीन दिनों में लगभग 500 क्विंटल लकड़ी चोरी होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। करीब 674 बीघा क्षेत्र में फैले इस वन क्षेत्र में अज्ञात लोगों ने जेसीबी मशीन से पेड़ काटकर लकड़ी उठाई, और विभाग के पहरेदारों को इसकी भनक तक नहीं लगी।

ग्रामीणों के विरोध जताने पर कटाई कर रहे लोग जेसीबी लेकर मौके से फरार हो गए। इस पूरे घटनाक्रम से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश फैल गया है। उनका कहना है कि वे अपने क्षेत्र की लकड़ी को किसी भी कीमत पर बाहर नहीं जाने देंगे।

बताया गया है कि पहरेदारों ने मौका रिपोर्ट तैयार कर एक व्यक्ति को नामजद करते हुए वन अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की है, परंतु जिला स्तरीय अधिकारियों की राय इससे भिन्न बताई जा रही है। विभाग अब तक यह स्पष्ट नहीं कर पाया है कि यह लकड़ी किन लोगों द्वारा और किस अनुमति से काटी गई।

गुरुवार को ग्रामीणों के बढ़ते विरोध को देखते हुए जिला अधिकारी भीलवाड़ा के निर्देश पर मांडलगढ़ की उपजिला वन अधिकारी पायल माथुर और शाहपुरा के रेंजर मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को समझाइश दी कि कानून अपने हाथ में न लें और बताया कि केंद्र सरकार की ओर से इस वन क्षेत्र के लिए कोई ऑनलाइन निविदा जारी की गई थी, जिसके आधार पर ठेकेदार कार्य कर रहे होंगे। हालांकि, जब ग्रामीणों ने निविदा व कार्य आदेश की प्रति मांगी, तो अधिकारी कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए। अधिकारियों ने कहा कि वे पूरी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजेंगे।

ग्रामीणों ने इस पूरे प्रकरण को संदिग्ध बताया। उनका कहना है कि यदि कोई वैध ठेका था, तो विभागीय कर्मचारियों और ग्रामवासियों को सूचना क्यों नहीं दी गई। ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले दो दिनों से देर रात तक जेसीबी मशीनों से बबूल के पेड़ों की कटाई की जा रही थी। जब उन्हें भनक लगी तो वे मौके पर पहुंचे और कड़ी आपत्ति जताई, तभी कटाई करने वाले लोग मशीनों समेत भाग गए।

ग्रामीणों ने कहा कि वन विभाग की जानकारी के बिना इतनी बड़ी मात्रा में पेड़ों की कटाई संभव नहीं है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों की भूमिका की जांच और पारदर्शिता की मांग की है।

गुरुवार को हुए विरोध प्रदर्शन में दुदाराम गुर्जर, पराक्रम सिंह, रामस्वरूप गुर्जर, आसाराम बावरी, सरवन बावरी, राजकुमार गुर्जर, अंकित शर्मा, बालकिशन गुर्जर, दिनेश सेन, सावरा, भैंरूलाल फागण, कालू सिंह राणावत सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। ग्रामीणों ने वन विभाग के मौके पर तैयार किए गए परचा व प्राथमिकी को सार्वजनिक करने की मांग की ताकि सच्चाई सामने आ सके। उन्होंने शासन, प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि इस अवैध कटाई की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।

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