आयुर्वेद सनातन संस्कृति का अंग, भारत की धरोहर, सरकार करें संरक्षण-चौधरी

आयुर्वेद सनातन संस्कृति का अंग, भारत की धरोहर, सरकार करें संरक्षण-चौधरी
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शाहपुरा - मूलचन्द पेसवानी । आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को नई ऊंचाइयों तक ले जाने और इसे देश-विदेश में प्रचारित करने के लिए मोतीबोर का खेड़ा स्थित श्री नवग्रह आश्रम एक आदर्श केंद्र बन गया है। सोमवार को कालेड़ा स्थित कृष्ण गोपाल आयुर्वेद भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष और दैनिक नवज्योति अजमेर के संपादक दीनबंधु चौधरी ने आश्रम का दौरा किया। उन्होंने यहां पर संचालित आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान गतिविधियों का गहन अवलोकन किया। दीनबंधु चोधरी के साथ उनकी पत्नी प्रतिभा चौधरी भी थी । उनके साथ प्रेस क्लब भीलवाड़ा के अध्यक्ष सुखपाल जाट भी मौजूद थे।

दीनबंधु चैधरी ने आश्रम के संस्थापक हंसराज चौधरी से मुलाकात के दौरान आश्रम की गतिविधियों, उपचार पद्धति और गौशाला की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने नवग्रह आश्रम को आयुर्वेद चिकित्सा का उत्कृष्ट केंद्र बताते हुए कहा कि यहां कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों के उपचार में जो प्रयास किए जा रहे हैं, वे देश के लिए गर्व की बात हैं।

दीनबंधु चौधरी ने कहा, आयुर्वेद हमारी सनातन संस्कृति का अभिन्न अंग है। इसे विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के लिए सरकारों और समाज को एकजुट होकर काम करना होगा। आयुर्वेद न केवल भारत की धरोहर है, बल्कि यह विश्व को स्वस्थ जीवन का मार्ग भी दिखा सकता है।

आश्रम के इस दौरे के दौरान चैधरी ने आयुर्वेद को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि ऐसे संस्थानों को सरकारी समर्थन और मान्यता प्रदान करनी चाहिए, ताकि यह चिकित्सा पद्धति और अधिक लोगों तक पहुंच सके।

चौधरी ने कहा, कोविड-19 महामारी के बाद आयुर्वेद के प्रति जागरूकता तो बढ़ी है, लेकिन सरकारें इसे प्राथमिकता नहीं दे रही हैं। आयुष मंत्रालय को जो बजट और समर्थन मिलना चाहिए था, वह अभी तक नहीं मिला है। विदेशों में भारतीय आयुर्वेद पद्धति को तेजी से अपनाया जा रहा है, जबकि हमारे देश में इसे बढ़ावा देने के प्रयास अब भी अपर्याप्त हैं।

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