अखेपुर में 55 लाख की लागत से बनेगा चारभुजानाथ मंदिर

अखेपुर में 55 लाख की लागत से बनेगा चारभुजानाथ मंदिर
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कोटड़ी पेसवानी

कोटड़ी उपखण्ड के अखेपुर गांव में आस्था का केंद्र रहे चारभुजानाथ मंदिर के पुनर्निर्माण कार्य की शुरुआत भव्य मूर्ति उत्थापन महोत्सव के साथ की गई। श्रद्धा और उल्लास के बीच बुधवार को गांव में चारभुजानाथ की प्राचीन मूर्ति को विधि-विधान से उत्थापित कर अस्थायी स्थान पर विराजमान किया गया। इस कार्यक्रम में समूचा गांव एकत्रित हुआ और धार्मिक वातावरण में भक्ति रस से सराबोर रहा।

मंदिर निर्माण समिति के सदस्यों ने जानकारी दी कि पुराने मंदिर को हटाकर अब नए सिरे से सफेद संगमरमर (मार्बल) से अत्याधुनिक शैली में मंदिर का निर्माण कराया जाएगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग सवा 55 लाख रुपये बताई गई है। मंदिर का निर्माण कार्य अगले दो वर्षों में पूर्ण होने की उम्मीद है।

भव्य उत्सव में उमड़े श्रद्धालु---

मूर्ति उत्थापन महोत्सव के मौके पर गांव में धार्मिक अनुष्ठानों की श्रृंखला आयोजित की गई। विद्वान ब्राह्मणों द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ विशेष पूजा-अर्चना की गई। यज्ञ, भोग अर्पण और आहुतियों के साथ चारभुजानाथ की प्रतिमा को परंपरागत रीति से पुराना मंदिर स्थल छोड़कर नए निर्धारित स्थान पर विधिवत रूप से विराजित किया गया।

मूर्ति को भक्तों के कंधों पर सजाकर गांव में शोभायात्रा निकाली गई। ढोल-नगाड़ों और भजनों की गूंज के बीच श्रद्धालु नाचते-गाते हुए चल रहे थे। गांव की महिलाएं सिर पर कलश धारण कर शोभायात्रा में शामिल हुईं। कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का भी आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों ग्रामीणों ने प्रसाद ग्रहण किया।

धार्मिक भावना के साथ आधुनिकता का संगम--

मंदिर निर्माण समिति के भवानी राम चोधरी ने बताया कि चारभुजानाथ मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि गांव की सांस्कृतिक पहचान भी है। इसलिए समिति ने निर्णय लिया है कि नया मंदिर अत्याधुनिक वास्तुशिल्प शैली में निर्मित होगा, जो श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक शांति का केंद्र बनेगा। मंदिर निर्माण में सफेद संगमरमर का उपयोग कर सौंदर्य और भव्यता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

ग्रामवासियों ने मंदिर निर्माण के लिए तन-मन-धन से सहयोग देने का संकल्प लिया है। कई ग्रामीणों ने आर्थिक सहयोग के साथ-साथ श्रमदान का भी संकल्प लिया है। युवाओं ने इस कार्य को गांव के गौरव से जोड़ा और पूर्ण निष्ठा के साथ इसमें भागीदारी निभाने की बात कही।

गांव की आस्था को नया स्वरूप---

अखेपुर में चारभुजानाथ मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र रहा है, बल्कि यहां के सामाजिक आयोजनों का भी प्रमुख स्थल रहा है। वर्षों पुराना यह मंदिर अब नए स्वरूप में लोगों की आस्था को और अधिक मजबूती देगा। मंदिर निर्माण के पश्चात यहां भव्य वार्षिक मेले, भागवत कथा, रासलीला व सत्संग आदि धार्मिक गतिविधियों का आयोजन भी किया जाएगा। ग्रामवासियों ने मंदिर निर्माण की इस पहल पर खुशी जताई और कहा कि यह केवल पत्थरों का ढांचा नहीं, बल्कि श्रद्धा, परंपरा और सामाजिक एकता का प्रतीक बनेगा।

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