दूध खरीद दर में कमी से पशुपालको में नाराजगी

फूलियाकलां राजेश शर्मा। जिले के पशुपालक एक ओर चारे की किल्लत और महंगे पशुआहार के बोझ से दब रहे हैं वहीं पशुपालकों की आजीविका का एक मात्र स्त्रोत दुग्ध उत्पादन उसका भी रंग भीलवाड़ा डेयरी ने एक साथ तीन रुपए प्रति लीटर की खरीद दर में भारी कमी कर फीका कर दिया। डेयरी बिक्री दर में लगातार बढ़ोतरी कर रही हैं और अरबों मुनाफा कमा रही हैं जबकि किसानों का अतिवृष्टि से फसल और चारा खराब होने से दूध उत्पादन में कमी के बावजूद कीमतों का इस प्रकार दर कम करना पशुपालकों के साथ छलावा है। पशु गलगोंटू, लम्पी, थनेला और सुगल्या जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं और पशुपालक अपनी आजीविका के लिए संघर्ष कर रहा हैं। पशुपालकों की सरकार और डेयरी से मांग हैं कि उत्पादन लागत और जीविका को सहकारिता की भावना को मध्यनजर रखते हुए कीमतों का निर्धारण करें ना कि बाजार की तरह मोटा मुनाफा कमाकर झोली भरकर डेयरी अपना कोटा पूरा करें। अगर इसी तरह कीमतें गिरती रहीं तो पशुपालक अपनी न्यूनतम मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तरसेगा। पशुपालकों की अब उम्मीद है कि सरकार और डेयरी जल्द इस महत्वपूर्ण मुद्दे को ध्यान में रखकर पशुपालकों के हित में निर्णय करे.
