छोटा पुष्कर राज धानेश्वर तीर्थ को पर्यटन स्थल घोषित करें व विकास के लिए बजट जारी हो

राजेश शर्मा धनोप। मिनी पुष्कर राज के नाम से प्रसिद्ध धानेश्वर तीर्थ स्थल विकास की राह देख रहा है। यह स्थल जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण अब तक पर्यटन स्थल घोषित नहीं हो सका। सर्व समाज के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को ज्ञापन भेजकर तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल घोषित करने और इसके विकास के लिए 5 करोड़ रुपए के बजट की मांग की है। पूर्व प्रधानाध्यापक रामेश्वर प्रसाद जोशी ने बताया कि धानेश्वर को जोड़ने वाली कादेड़ा से अलाम्बु सड़क के डामरीकरण की मांग कई बार की जा चुकी है लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि इस सड़क के बनने से न केवल धानेश्वर तीर्थ स्थल, बल्कि धनोप माताजी के दर्शन को जाने वाले श्रद्धालुओं को भी लाभ मिलेगा। साथ ही कोटा से जोधपुर की दूरी करीब 40 किलोमीटर कम हो जाएगी। मुख्यमंत्री के शाहपुरा आगमन पर संत समाज के शंकर दास महाराज और नारायण धाम आश्रम के संतों ने उन्हें ज्ञापन सौंपा। शंकर महाराज ने कहा कि धानेश्वर को पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग को लेकर ज्ञापन भेजा है। यदि कार्यवाही नहीं हुई तो संत समाज को अन्न और जल त्यागने के लिए विवश होना पड़ेगा। गोरतलब है कि

भीलवाड़ा जिले में स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है जो छोटा पुष्कर धानेश्वर तीर्थ को "मिनी पुष्कर" के रूप में भी जाना जाता है। क्योंकि यहां यज्ञ पुष्कर की तरह ही कार्तिक पूर्णिमा को मेला लगता है। जहां तीन नदियों का संगम होता है। धानेश्वर तीर्थ का नाम नारायण दास जी महाराज के नाम पर पड़ा है, जिन्होंने इसे बसाया था। धानेश्वर तीर्थ की स्थापना नारायण दास जी महाराज ने की थी। जिन्होंने इस स्थान को बसाया और यहां धार्मिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया। धानेश्वर तीर्थ में तीन नदियों का संगम है। जिसके कारण इसे त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है। पुष्कर की तरह धानेश्वर में भी कार्तिक पूर्णिमा को एक बड़ा मेला लगता है, जहां दूर-दूर से लोग आते हैं। धानेश्वर तीर्थ को "मिनी पुष्कर" के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यहां पुष्कर के समान ही धार्मिक महत्व और मेले का आयोजन होता है। धानेश्वर तीर्थ सभी समाजों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है, जहां विभिन्न समाजों के लोग अपनी-अपनी मान्यताओं और रीति-रिवाजों के अनुसार मंदिरों का निर्माण करते हैं। धानेश्वर तीर्थ एक पवित्र स्थान है, जहां लोग धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-पाठ करने आते हैं। यह स्थान विभिन्न समाजों के लोगों को एक साथ लाता है और सामाजिक एकता को बढ़ावा देता है। धानेश्वर तीर्थ में लगने वाला मेला राजस्थानी संस्कृति और परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह स्थान पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, जहां लोग मेले और धार्मिक स्थलों का आनंद लेने आते हैं।

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