5 नवंबर को धानेश्वर धाम में लगेगा कार्तिक पूर्णिमा मेला

5 नवंबर को धानेश्वर धाम में लगेगा कार्तिक पूर्णिमा मेला
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फूलियाकलां राजेश शर्मा। छोटे पुष्कर के नाम से प्रसिद्ध त्रिवेणी संगम स्थल धानेश्वर में कार्तिक पूर्णिमा पर एक दिवसीय मेला 05 नवंबर बुधवार को भरेगा। इससे पहले 04 नवंबर मंगलवार को विभिन्न समाजों के मंदिरों में भजन संध्या होगी। मेला परिसर में अस्थाई दुकानें, मनोरंजन के लिए झूले, चकरी और मौत का कुआं लगाया गया। अस्थाई दुकानें लगाने वाले दुकानदारों के लिए मेला परिसर में पंचायत द्वारा व्यवस्था की जाती है।राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में स्थित फूलियाकलां से तीन किलोमीटर दूर धानेश्वर तीर्थ जिसे छोटा पुष्कर भी कहा जाता है। खारी नदी मानसी नदी और रामनाले के त्रिवेणी संगम पर स्थित इस तीर्थ स्थान पर तीस से अधिक मंदिर है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए काफी प्रसिद्ध है। धानेश्वर गाँव में कोई घर नहीं है। भीलवाड़ा जिले में मौजूद यह तीर्थ केकड़ी से मात्र 25 किलोमीटर व विजयनगर से 45 किलोमीटर दूरी पर खारी नदी, मानसी नदी और रामनाले के त्रिवेणी संगम पर धानेश्वर तीर्थ स्थल मौजूद है। यहां छोटे बड़े 30 से ज्यादा मंदिर मौजूद है। इसी कारण इसे छोटा पुष्कर के नाम से जाना जाता है। धानेश्वर गांव में कोई घर नहीं है। यहां केवल मंदिर और धर्मशालाएं मौजूद हैं। इसलिए इसे मन्दिरों का गांव भी कहा जाता है। नजदीकी गांव फूलियाकलां यहां से 3 किलोमिटर की दूरी पर स्थित है। खारी, मानसी और राम नाले का त्रिवेणी संगम होने तथा आसपास प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण इस स्थल को तपस्या हेतु उचित मानकर दशकों पहले बाबा नारायणदास महाराज ने यहीं पर धूणी रमाकर तपस्या की थी। कहा जाता हैं कि बाबा नारायणदास महाराज द्वारा दी गई धूणी की भभूत से लोगों की परेशानियां दूर हो जाती थी। समय के साथ आसपास के ग्रामीणों की बाबा के प्रति आस्था बढ़ती गई और उन्हीं की सप्रेरणा से ही धानेश्वर मे आज विभिन्न समाजों के लगभग 30 से अधिक मंदिर विद्यमान है। यहां तेजाजी, देवनारायण, बाबारामदेव, चारभुजानाथ, राधाकृष्ण, रामदरबार, शिवमंदिर आदि बहुत से मंदिर विद्यमान है। इकतालीस सालों की तपस्या के बाद बाबा नारायणदास का संवत 2049 में स्वर्गवास हो गया था। बाबा नारायणदास की याद में ग्रामीणों ने वहीं पर नारायणधाम आश्रम का निर्माण करवाया था। धानेश्वर तीर्थ में सभी समाजों के भव्य मंदिर व धर्मशालाओं का निर्माण करवाया गया है। यहां त्रिवेणी संगम पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। वर्षाकाल में यहां की खूबसूरती हजारों गुना बढ़ जाती है। धानेश्वर धाम पर प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा को विशाल मेला लगता है। यह मेला इस क्षेत्र का सबसे विशाल मेला होता है। जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं। इस मेले में जगह जगह से भजन मंडलियां आती है और नाच गाने का प्रदर्शन करती है। फूलियाकलां ग्रामपंचायत की ओर से मेले में लाइट पानी और अन्य सुविधाओं का इंतजाम किया जाता है।इसके अलावा प्रत्येक पूर्णिमा को भी यहां किसी मेले का सा माहौल रहता है। आसपास के गावों के श्रद्धालु यहां पूर्णिमा स्नान के लिए आते है। धानेश्वर तीर्थ 6 मई 2023 से 14 मई 2023 तक रुद्र महायज्ञ एवं रामकथा, तथा संत सम्मेलन का आयोजन हुआ था। जिसमें एकादश रुद्र महायज्ञ के आयोजन के लिए यहां चार मंजिला यज्ञ मंडप का निर्माण किया गया था। आयोजन स्थल नारायणधाम आश्रम की खूबसूरत साज सज्जा की गई थी। वहीं कलश यात्रा हाथी घोड़ों के रथों के साथ गाजेबाजे से निकाली गई। महायज्ञ में प्रायश्चित संकल्प, दशविधि स्नान, पंचांग पूजन, मंडप प्रवेश, एवम् देवस्थापनआचार्य विप्र पूजन हुआ। साथ ही नित्यार्चन, देवपूजन, मंडपपूजन, कुंडपूजन, एवम् अग्निस्थापना के साथ रुद्र महायज्ञ हुआ। नौदिवसीय रामकथा का आयोजन भी हुआ। धानेश्वर तीर्थ स्थल पर कई समाजों के सामूहिक विवाह सम्मेलनों का आयोजन भी होता है।

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