महिलाओं व कन्याओं ने निर्जला एकादशी का व्रत रखा, गांव में 300 लीटर ठंडाई वितरित की

महिलाओं व कन्याओं ने निर्जला एकादशी का व्रत रखा, गांव में 300 लीटर ठंडाई वितरित की
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राजेश शर्मा धनोप।निर्जला एकादशी के उपलक्ष पर गांव ही के सामाजिक कार्यकर्ता मनीष सेन द्वारा हर वर्ष की भांति इस बार भी निर्जला एकादशी पर 300 लीटर ठंडाई बनवाकर गांव के हर गली मोहल्ले में वितरित की गई। जिसमें व्रत करने वाली महिलाओं ने वितरित की गई ठंडाई का लुफ्त उठाया। ठंडाई वितरण का कार्यक्रम शाम 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक चला। ठंडाई वितरण ट्रैक्टर के माध्यम से की गई। बतादें कि निर्जला एकादशी व्रत जेष्ठ माह की एकादशी तिथि को आता है।इस व्रत में अन्न तो क्या पानी भी पीने की मनाही होती है। भगवान विष्णु को समर्पित इस व्रत को करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। कहते हैं कि इस व्रत को महाभारत काल में भीम ने इस कठिन व्रत को किया था तभी से इसे भीमसेनी एकादशी व्रत भी कहा जाता है। मान्यता है कि निर्जला एकादशी के दिन श्री हरि की पूजा करने से दुखों से मुक्ति मिलती है। महिलाएं व कन्याऐं निर्जला एकादशी के दिन विष्णु को तुलसी अर्पित कर सुख-समृद्धि के साथ माता लक्ष्मी को खीर का भोग लगाती है तथा अच्छे वर प्राप्ति की कामना करती है। सभी एकादशियों में निर्जला एकादशी श्रेष्ठ मानी जाती है। गंगा दशहरा के एक दिन बाद निर्जला एकादशी मनाई जाती है।

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