खामोर सहित आधा दर्जन गांव बस सेवा से वंचित, आज तक नही मिली रोजवेज की सुविधा

शाहपुरा (किशन वैष्णव) क्षेत्र के आधा दर्जन गांवो के बासिंदो को 15 वर्षो से परिवहन सेवा नसीब नही हुई।रोडवेज को तो आज तक यहां के बासिंदो ने गांवो में आती देखा तक नहीं,राहगीरों को त्योहारों और अन्य काम काज पर निजी वाहन से आना जाना पड़ता है क्षेत्रफल की दृष्टि से शाहपुरा ब्लॉक का सबसे बड़ा गांव कहा जाने वाला खामोर सहित बिलिया,सूरजपुरा, तहनाल,शंभूपुरा, घरटा वास्तव में बदनसीब गांव है जहा के राजनेताओं की पहचान होने के बावजूद गांव में करीब 15 वर्षो से बसों और परिवहन सेवा से ये गांव वंचित हैं जबकि शाहपुरा से वर्षों पूर्व में बसे तहनाल , बिलिया,खामोर और डियास होते हुए पनोतिया निकलती थी तथा दूसरी बसे शाहपुरा से तहनाल, सूरजपुरा,शंभूपुरा, बिलिया से खामोर होकर राज्यास से गुलाबपुरा विजयनगर जाती थी।वही अन्य गुलाबपुरा के लिए भी बसे शाहपुरा से जुड़ती थी लेकिन अब सीधा शाहपुरा से भीम उनियारा राष्ट्रीय राजमार्ग से गुलाबपुरा जाती है ग्रामीण क्षेत्रों को हाइवे के विकास के नाम पर प्रथक कर दिया जिससे विकास में क्षेत्र के अंदरूनी सैकड़ो गांव पिछड़ गए। 15 वर्षों से परिवहन सेवा गांव से होकर नही गुजरने से गांव विकास के मायने से वर्षो पिछड़ गया वही मूलभूत सुविधाओं से आज भी परिपूर्ण नही है और सरकार ग्रामीण क्षेत्रों को विकास की ओर बढ़ा रही है लेकिन वास्तव में ग्रामीण क्षेत्रों में कोई विकास नहीं हो रहा। घरटा गांव खामोर से 7 किलोमीटर दूर है यहां बनेड़ा से झातल होकर डाबला से गुलाबपुरा विजयनगर जाने वाली बसों से प्रथक कर गांव को बस सेवा से वंचित कर दिया। ऐसे ही शाहपुरा से सीधी बसे भीम उनियारा हाइवे से राज्यास,पनोतियां होकर गुलाबपुरा विजयनगर के लिए जाती है ग्रामीणों को या तो 8 किलोमीटर दूर राज्यास तक निजी वाहन से जाना पड़ता है या पैदल फिर वहां से बसे मिलती है।जिनके पास निजी वाहन नही है उन्हे पैदल जाना पड़ता है फिर वहां से आने के लिए निजी वाहन बुलाना पड़ता है।छोटे बड़े शहरों से जोड़ने के लिए किसी भी प्रकार का परिवहन सुविधा नही होने से सैकडो ग्रामीण निजी साधन लेकर जाने को मजबूर है।खामोर से गुलाबपुरा और भीलवाड़ा के लिए मिनी बस सुविधा स्थानीय ग्रामीणों द्वारा ही लगाई गई है।

इनका कहना

- पूर्व में अनेक बसे ग्रामीणों की सेवा के लिए शाहपुरा से गुलाबपुरा के लिए शाहपुरा से तहनाल होकर गुलाबपुरा के लिए जाती थी लेकिन 15 वर्षो से अब जनता परेशान है।

बलवंत सिंह,समाजसेवी खामोर

- राष्ट्रीय राजमार्ग बनने के बाद से बसे इधर आना बंद हो गई है,जिससे हाइवे पर स्थित गांवो के लोगो को सुविधा उपलब्ध हो गई पर हाइवे से सटे गांवों के ग्रामीणों को असुविधा होती है।

जीवराज गुर्जर

उप सरपंच,तहनाल

- ग्रामीणों की मांग है वर्षो से घरटा में बसे नही होने से निजी वाहनों से ग्रामीणों को शाहपुरा भीलवाड़ा या अन्य जगह जाना पड़ता है

रणजीत जाट समाजसेवी,घरटा

- क्षेत्र में आज तक कभी रोडवेज बसों का आवागमन नही हुआ है निजी बसे पूर्व में संचालित होती थी तब ग्रामीणों को आवाजाही में सहूलियत होती थी अब जनता परेशान है,ग्रामीणों की मांग है की ग्रामीण क्षेत्रों को भी सरकार सुविधाएं प्रदान करे।

भूपेश भारद्वाज, ग्रामीण,बिलिया

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