लापरवाही : ज़िला बदला, पर सरकारी दफ़्तरों में आज भी 'शाहपुरा' ही अंकित

शक्करगढ़ (सांवरिया सालवी)। राज बदला, सरकार बदली, और कुछ महीनों बाद ज़िले भी बदल गए। लेकिन, सरकारी दफ़्तरों में अधिकारियों की अनदेखी के चलते आज भी पुराने ज़िले का नाम अंकित हो रहा है। ऐसा लग रहा है कि जैसे इन दफ़्तरों में किसी बड़े अधिकारी का आना-जाना नहीं होता, या यूँ कहें कि कोई निरीक्षण करने नहीं पहुँचता।
ऐसा ही मामला है शक्करगढ़ क्षेत्र के ऊरना गाँव का। यहाँ आज भी राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय और आयुष्मान उप स्वास्थ्य केंद्र में भीलवाड़ा ज़िले की जगह शाहपुरा ज़िला ही अंकित हो रहा है। उच्च अधिकारियों के आदेश की अवहेलना हो रही है।
ज़िला बदलने के बाद सभी कार्यालयों में शाहपुरा की जगह भीलवाड़ा अंकित होना था, लेकिन कई जगह आज भी 'शाहपुरा' ही लिखा हुआ है। ये लापरवाही दर्शाती है कि शायद ज़मीनी स्तर पर बदलाव को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है।
क्या है मामला?
दरअसल, राजस्थान सरकार ने कुछ समय पहले नए ज़िलों का गठन किया था, जिसके चलते कई क्षेत्रों की भौगोलिक पहचान बदल गई। ऊरना गाँव, जो पहले भीलवाड़ा ज़िले का हिस्सा था, शाहपुरा ज़िले में आ गया था। अब फिर भीलवाड़ा जिला हो गया लेकिन, सरकारी दफ़्तरों में अभी भी पुराने ज़िले का नाम लिखा होने से लोगों में भ्रम की स्थिति है।
स्थानीय लोगों में नाराज़गी
इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों में नाराज़गी है। उनका कहना है कि सरकारी दफ़्तरों में तुरंत बदलाव किया जाना चाहिए ताकि लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों से इस मामले में जल्द कार्रवाई करने की मांग की है।
अधिकारियों का क्या है कहना?
इस मामले पर अभी तक किसी भी अधिकारी का कोई बयान नहीं आया है। लेकिन, उम्मीद है कि जल्द ही इस पर ध्यान दिया जाएगा और सरकारी दफ़्तरों में ज़रूरी बदलाव किए जाएँगे।
ये खबर बताती है कि कैसे सरकारी तंत्र में बदलाव की गति धीमी होने से आम लोगों को परेशानी हो सकती है। शक्करगढ़ के ऊरना गाँव का ये मामला एक उदाहरण है कि ज़मीनी स्तर पर सुधार की कितनी ज़रूरत है।