पंचायत समिति कार्यालय पर लटकता ताला, अधिकारियों द्वारा खुली अवहेलना

जहाजपुर (मोहम्मद आज़ाद नेब) सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने और राजस्थान सरकार की ओर से स्पष्ट आदेश जारी होने के बावजूद जहाजपुर पंचायत समिति की प्रधान सीता देवी गुर्जर को पदभार ग्रहण करने से रोकने जैसा मामला सामने आया है।
राजस्थान सरकार के पंचायती राज विभाग ने प्रधान सीता देवी गुर्जर को पुनः पदभार ग्रहण करने की अनुमति दे दी थी। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनके निलंबन आदेश पर अंतरिम रोक लगाए जाने के बाद लिया गया था। विभागीय आदेश में स्पष्ट किया गया था कि प्रधान गुर्जर के विरुद्ध लगाए गए आरोपों से संबंधित निलंबन आदेश क्रमांक 8676292, दिनांक 5 जुलाई 2024 की प्रभावशीलता को माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने स्थगित कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने SLP (Civil) 47408/2025 पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के आदेश को अगली सुनवाई तक रोक रखा था।
इसी अंतरिम आदेश की अनुपालना में अतिरिक्त आयुक्त एवं शासन उप सचिव त्रिलोक चंद मीणा द्वारा प्रधान को पुनः पदभार ग्रहण करवाने के निर्देश जारी किए गए थे। लेकिन हकीकत में आदेशों की उड़ गई धज्जियाँ
जब प्रधान सीता देवी गुर्जर अपने समर्थकों के साथ पदभार ग्रहण करने पंचायत समिति कार्यालय पहुँचीं, तो वहाँ का दृश्य चौंकाने वाला था।
पदभार ग्रहण कक्ष के दरवाजे पर ताला झूल रहा था। कार्यालय में एक भी अधिकारी मौजूद नहीं था। सुप्रीम कोर्ट और राज्य सरकार के आदेशों की खुलेआम अवहेलना दिखाई दी।
इस घटनाक्रम के बाद जहाजपुर की राजनीति में नई हलचल तेज हो गई है। स्थानीय राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि आखिर इतने स्पष्ट आदेशों के बावजूद अधिकारियों ने पदभार ग्रहण प्रक्रिया से दूरी क्यों बनाई?
सुप्रीम कोर्ट से राहत और सरकार द्वारा जारी आदेशों के बाद उम्मीद थी कि प्रधान तुरंत अपना कार्यभार संभालेंगी। लेकिन ताला लगे कमरे और अधिकारियों की गैरमौजूदगी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह प्रशासनिक लापरवाही है? या फिर राजनीतिक दबाव? फिलहाल मामला गरमाया हुआ है और लोगों की निगाहें आगे होने वाली कार्रवाई पर टिकी हैं।
