नारियल वाले बाबा: कलयुग में नि:संतान महिलाओं के भगवान

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जहाजपुर (मोहम्मद आज़ाद नेब) आज के दौर में जब विज्ञान और चिकित्सा इतनी तरक्की कर चुकी है, वहीं एक ऐसा ‘चमत्कारी बाबा’ चर्चा का केंद्र बना हुआ है, जो खुद को नि:संतान महिलाओं के लिए भगवान बताता है। दावा है कि जिन महिलाओं को वर्षों से औलाद नहीं हो रही थी, उन्हें नारियल देकर संतान सुख दिला रहा है यह बाबा। नाम है – महाराज जगदीश मीणा, जिन्हें लोग अब ‘नारियल वाले बाबा’ के नाम से जानते हैं।

अजमेर जिले के मेहरू कलां (केकड़ी) गांव के रहने वाले महाराज जगदीश मीणा की शैक्षणिक योग्यता 12वीं तक की है। पहले ये अपने गांव में एलोपैथिक और आयुर्वेदिक दवाएं देते थे, इंजेक्शन लगाते थे और साथ ही खेती-किसानी करते थे। परिवार पालने के लिए ये झोलाछाप इलाज का काम करते थे। धीरे-धीरे इन्होंने एक अलग ही पहचान बनानी शुरू की। पहले अपने गांव मेहरू कलां में 'धाम' शुरू किया और खुद को 'नारियल वाले बाबा' घोषित कर दिया। यहां से कुछ समय बाद उन्होंने यह धाम पास के गांव मेहरू खुर्द में स्थानांतरित किया और अब पिछले दो महीने से अपनी ससुराल – झालरा बावड़ी थाना पंडेर (जहाजपुर) में अपना 'धाम' चला रहे हैं।

नारियल वाले बाबा का प्रचार-प्रसार अब केवल गांवों तक सीमित नहीं रहा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Instagram पर ‘nariyal wale baba’ नाम की आईडी से बाबा के वीडियो लगातार वायरल हो रहे हैं। इस आईडी पर बाबा के ‘चमत्कारी’ कारनामे, उनके दर्शन, और संपर्क नंबर तक उपलब्ध हैं।

हालांकि, बाबा के दावों की कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं है। ना कोई मेडिकल प्रमाण, ना ही कोई आधिकारिक रिकॉर्ड। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह आस्था है या अंधविश्वास? कहीं यह लोगों की भावनाओं और उनकी मजबूरी का फायदा उठाने का तरीका तो नहीं? देश में अंधविश्वास और झोलाछाप इलाज से जुड़े ऐसे कई उदाहरण पहले भी सामने आ चुके हैं। प्रशासन और चिकित्सा विभाग को चाहिए कि ऐसे मामलों की गंभीरता से जांच हो, ताकि भोली-भाली जनता किसी झूठे ‘चमत्कार’ के जाल में ना फंसे।

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