कोटड़ी में 30 वर्ष पुराना अतिक्रमण प्रशासन ने हटवाया

कोटड़ी में 30 वर्ष पुराना अतिक्रमण प्रशासन ने हटवाया
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कोटड़ी। पंचायत समिति, तहसील एवम पुलिस विभाग के सयुक्त तत्वाधान में मंगलवार को अतिक्रमण हटाया गया। विकास अधिकारी रामबिलास मीणा ने बताया की इस कार्यवाही में करीब 100 दुकानों से अतिक्रमण हटाए गया, 50 करीब ठेले, हाथ गाड़ी और तंबू हटवाए गए और इसके साथ ही विकास अधिकारी ने बताया की मुख्यमंत्री जन सुनवाई प्रकोष्ठ में लगातार शिकायते जा रही थी और कलेक्टर के निर्देशानुसार ये उचित कार्यवाही की गई।

विकास अधिकारी रामबिलास मीणा ने बताया की सार्वजनिक स्थानों पर सभी का अधिकार किसी एक का नही और अतिक्रमणकारियों ने अपने निजी स्वार्थ के लिए पूरे बस स्टैंड पर कब्जा कर लिया जिससे विकास गड़बड़ा गया ओर जितना विकास होना चाहिए था उतना विकास हो नही पा रहा है। इस मौके पर तहसीलदार रवि शंकर चौधरी के साथ गिरदावर एवम पटवारी नक्शे के साथ मौजूद थे और शिमांकन कर अतिक्रमण हटाने किए कार्यवाही की ताकि सड़क दोनो तरफ से चौड़ी हो सके और आवागमन बाधित न हो। थानेदार सुरेंद्र सिंह पुलिस जाब्ते के साथ मौजूद थे और जेसीबी की कार्यवाही की देखरेख की ओर किसी भी अनहोनी को कंट्रोल करने की स्थिति में तैनात थे। छापरेल में कलेक्टर की रात्रि चौपाल में भी ग्रामीणों ने लिखित में अतिक्रमण की समस्या से अवगत करवाया था इस पर कलेक्टर राजस्व विभाग की निर्देश जारी किए थे।

कोटड़ी कस्बे में नए बस स्टैंड से पुराने बस स्टैंड तक अतिक्रमणकारियों ने केवल एक वाहन जाने की जगह छोड़ रखी और कोटड़ी कस्बे में बायपास नही होने से सभी बड़े वाहन, ट्रेलर, गाडियां कसबे के अंदर से होकर जाति है इससे आए दिन जाम लगा रहता है और राहगीरों को आने जाने में समस्या आती है और साथ में धार्मिक नगरी होने के कारण श्रद्धालु बड़ी संख्या में आने से भी भीड़ ज्यादा होती है ये मुद्दा विभिन्न समाचार पत्रों, मीडिया चैनल, यूट्यूब चैनल, ओर विकास पुरुषो द्वारा प्रशासन को भी लिखित में सूचना दी जा चुकी है। ग्राम पंचायत के क्लस्टर प्रभारी गोपाल सिंह पुरावत, ग्राम विकास अधिकारी रमेश तेली एवं अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

विकास अधिकारी मीणा ने बताया की चारभुजा नाथ की पवित्र नगरी में सौंद्राकरण हेतु नई कार्य योजना बनाई जाएगी और चारभुजा नाथ कॉरिडोर हेतु सरकार को अनुशंसा भेजी जाएगी एवम पैनोरमा हेतु मंदिर पदाधिकारियों से विस्तृत चर्चा बाद में की जायेगी। चारभुजानाथ की नगरी को विकसित करने में, सौंद्रकरण, तालाब का विकास, ओर साथ में 30 वर्ष आगे की सोच को ध्यान में रखकर विकास की गंगा अवतरित की जायेगी।

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