नवग्रह आयुर्वेदिक वेलनेस सेंटर एवं राजस्थान सरकार के बीच एमओयू, 1.50 करोड़ का निवेश

नवग्रह आयुर्वेदिक वेलनेस सेंटर एवं राजस्थान सरकार के बीच एमओयू, 1.50 करोड़ का निवेश
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शाहपुरा-मूलचन्द पेसवानी । राजस्थान में आयुर्वेदिक चिकित्सा और प्राकृतिक उपचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नवग्रह आश्रम और राजस्थान सरकार के बीच महत्वपूर्ण मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता 01 दिसंबर 2025 को किया गया है, जिसके तहत भीलवाड़ा जिले के मोतीबोर का खेड़ा, रायला में एक अत्याधुनिक नवग्रह वेलनेस सेंटर की स्थापना की है। राज्य सरकार की यह पहल राजस्थान को आयुर्वेद और वेलनेस सेक्टर में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक सकारात्मक और दूरदर्शी कदम मानी जा रही है। आने वाले वर्षों में यह केंद्र स्वास्थ्य पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनने की उम्मीद है।

इस परियोजना में 1.50 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है, जो स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने के साथ ही क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा। परियोजना के तहत 20 प्रत्यक्ष रोजगार सृजन का लक्ष्य रखा गया है।

एमओयू में स्पष्ट किया गया है कि राजस्थान सरकार परियोजना को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने के लिए निवेशक संस्था को सभी आवश्यक विभागों से अनुमतियाँ, स्वीकृतियाँ और क्लीयरेंस दिलवाने में सहयोग प्रदान करेगी। राज्य सरकार ने यह भी आश्वस्त किया है कि इस परियोजना को वर्तमान नीतियों और नियमों के अनुसार हर संभव सुविधा मुहैया कराई जाएगी।

आयुष विभाग की ओर से एमओयू पर निदेशक आयुर्वेद आनंद कुमार शर्मा ने हस्ताक्षर किए। उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक चिकित्सा को बढ़ावा देना राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है और ऐसे वेलनेस सेंटर ग्रामीण व अर्ध-शहरी क्षेत्रों में लोगों को प्राकृतिक और पारंपरिक इलाज तक बेहतर पहुंच प्रदान करेंगे।

नवग्रह आश्रम की ओर से एमओयू पर हस्ताक्षर संस्था के प्रबंध निदेशक हंसराज चैधरी ने किए। उन्होंने कहा कि यह परियोजना न केवल आयुर्वेदिक उपचारों को बढ़ावा देगी बल्कि भीलवाड़ा जिले सहित प्रदेश व देश को वेलनेस पर्यटन को भी नई पहचान दिलाएगी। उन्होंने बताया कि केंद्र में पंचकर्म, हर्बल थेरेपी, प्राकृतिक उपचार, योग, ध्यान और कई वैकल्पिक चिकित्सा सुविधाएँ उच्च मानकों के साथ उपलब्ध कराई जाएँगी।

उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य आधुनिक सुविधाओं के साथ आयुर्वेद के पारंपरिक ज्ञान को जोड़कर लोगों को समग्र उपचार उपलब्ध कराना है। केंद्र में प्रशिक्षित विशेषज्ञ डॉक्टर्स, थेरेपिस्ट और तकनीकी स्टाफ नियुक्त किया जाएगा जिससे गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ सुनिश्चित की गई है।

क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार के वेलनेस सेंटर ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। भीलवाड़ा जिला क्षेत्र में यह पहला बड़ा आयुर्वेदिक वेलनेस प्रोजेक्ट होगा, जिससे न केवल रोजगार बढ़ेगा बल्कि स्थानीय युवाओं को कौशल विकास के अवसर भी प्राप्त होंगे। राज्य सरकार की यह पहल राजस्थान को आयुर्वेद और वेलनेस की दिशा में एक अग्रणी राज्य बनाने की दृष्टि से सकारात्मक मानी जा रही है।

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