नीलगाय के बछड़े को कुत्तों ने नोचा,ग्रामीण गौसेवको ने कंपाउंडर को फोन किया तो जवाब मिला मीटिंग में शाहपुरा हू

नीलगाय के बछड़े को कुत्तों ने नोचा,ग्रामीण गौसेवको ने कंपाउंडर को फोन किया तो जवाब मिला मीटिंग में शाहपुरा हू
X

शाहपुरा@(किशन वैष्णव)राजस्थान सरकार राजकीय स्वास्थ्य सुविधाओ के नाम पर आमजनता तक सुविधा पहुंचाने का ढोंग तो कर रही है उनका प्रचार प्रसार भी कर रही है और आंकड़े के नाम पर बहुत बड़ी सुविधा आमजनता तक पहुंच रही है लेकिन जमीनी स्तर पर सब लीपापोती दिखाई दे रहे हैं।यह बात खामोर ग्राम पंचायत को मिल रही मूलभूत सुविधाओं से स्पष्ट झलक हो रही है।दरअसल 7 माह से राजकीय पशु चिकित्सालय में डॉक्टर नही है कंपाउंडर सांवर लाल के भरोसे पशुओं की देखरेख की व्यवस्था छोड़ रखी है जिले के उच्च अधिकारी इस और ध्यान नही दे रहे हैं।सरकारी महकमे के उच्च अधिकारी केवल समय निकाल रहे हैं सरकारी पशु चिकित्सालय खोल कर बस एक ही कंपाउंडर है जिसके भरोसे पशुओं का उपचार जो रहा है वो भी कभी मीटिंग में तो कभी विभागीय कार्य से अनुपस्थित रहते हैं।ग्रामीणों का कहना है की गांव के युवा वर्ग गौसेवा के प्रति जागरूक हुए हैं और अब बेसहारा गौवंश के बीमार होने पर स्वयं उन्हे उठाते हैं और उपचार करवाते हैं ऐसे में सरकारी डॉक्टर और कंपाउंडर उपस्थित नही रहने पर गोवंश को उपचार नही मिल पाता और मर जाते हैं।बुधवार सुबह नीलगाय का के बछड़े को स्वानो ने काट लिया और गंभीर घायल हो गया,उसके शरीर से खून निकलने लगा जब ग्रामीणों ने कंपाउंडर सांवर लाल को फोन किया तो वो शाहपुरा मीटिंग में थे।और चिकित्सालय पर ताला जड़ा था नीलगाय के बछड़े को समय पर उपचार नही मिल सका इसलिए उसकी मौत हो गई।1700 घरों की बस्ती गांव खामोर के 7 खेड़े लगते हैं लेकिन पशुओं के चिकित्सा संबंधित किसी प्रकार की कोई सरकारी प्रभावी सुविधाएं उपलब्ध नही है।असुविधा के चलते ग्रामीणों को मजबूर होकर निजी पशु चिकित्सक या कंपाउंडर को अधिक मूल्य देकर भी उपचार करवाना पड़ता है।मामले को लेकर नोडल अधिकारी डॉक्टर मोहन फडणवीस ने बताया की ब्लॉक में ही खाली है डॉक्टर का पद फुलिया कलां,शाहपुरा, फुलिया कलां,सांगरिया,धनोप,राजपुरा में पोस्ट खाली है।सरकार पद नही भर रही है में खुद अतिरिक्त चार्ज पर हूं।

Tags

Next Story