राम नाम से गुंजा बड़ला गांव एक सौ इक्कीस गांवों की रामधुनी मंडलों ने किया नगर भ्रमण

धनोप।राजेश शर्मा
निकटवर्ती गांव बड़ला में शनिवार को ग्राम वासियों द्वारा आयोजित हरि बोल प्रभात फेरी में एक सौ इक्कीस गांवों से आईं हुई प्रभात फेरी मंडलों में सम्मिलित राम भक्तों ने बडला को राम नाम से गूंजयमान कर दिया। भगवान चारभुजा नाथ मंदिर से बैंड बाजे के साथ हरि कीर्तन करते हुए राम भक्तों की प्रभात फेरिया के साथ पालकी में सुशोभित विराजित ठाकुर जी चारभुजा नाथ की शोभायात्रा हरे कृष्णा हरे राम, हरे कृष्णा हरे राम नाम के उच्चारण के साथ राम भक्तों का जन सेलाब बस स्टैंड स्थित बालाजी के मंदिर से प्रारंभ हुआ जो सदर बाजार विद्यालय चौक होता हुआ तेजाजी महाराज के पहुंचा। जहां पर ग्राम वासियों ने भगवान तेजाजी महाराज की विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना कर सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। मार्ग में जगह-जगह बैंड बाजे की स्वर लहरियों पर युवक-युवतियां, बुज़ुर्ग महिला-पुरुष नाचते गाते हुए हरि भजनों के बीच राम भक्तों का जन सैलाब तालाब पर मेला ग्राउंड पहुंचा। मार्ग में जगह-जगह ग्राम वासियों ने शीतल पेयजल की व्यवस्था कर गुलाब के फूलो की वर्षा कर स्वागत किया। दांतडा धाम के पीठाधिश्वर महाराज निर्मल राम जी महाराज ने पंडाल में उपस्थित महिलाओं, पुरुषों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में आना और जाना वास्तविक सत्य है कि जो व्यक्ति जीवन में आता है वह जाता है परंतु व्यक्ति के जाने के बाद भी उसके द्वारा जीवन में किए हुए अच्छे एवं बुरे कार्यों की वजह से उसको याद किया जाता है। प्रत्येक मनुष्य को जीवन में सदैव अच्छे कार्य करने चाहिए। धार्मिक कार्यों में अपने सामर्थ्य के अनुसार अवश्य मदद करनी चाहिए। व्यक्ति के द्वारा किए हुए धार्मिक कार्य ही उसके मोक्ष का मार्ग तय करते हैं। महाराज निर्मल राम जी ने जीवन की परिभाषा बतलाते हुए कहा परमात्मा ने मनुष्य जीवन में अच्छे कार्य के लिए भेजा है ना कि किसी बुरे कार्य के लिए। जीवन तो बहुत से जीते परंतु जीना वही जिसे देवलोक होने के बाद भी जाना जाए। शाहपुरा विधायक लालाराम बैरवा ने भी पंडाल में बैठे धमार्थियों को संबोधित किया। कार्यक्रम में समिति द्वारा महाराज श्री का श्रीफल भेंट कर एवं विधायक बैरवा का माल्यार्पण साफ़ा बंधन कर स्वागत किया। इस दौरान आयोजित सामूहिक प्रसादी में लगभग दस हजार से भी अधिक धर्म प्रेमी बंधुओ ने सामूहिक प्रसादी ग्रहण की। साथ ही एकदिवसीय मेला भी आयोजित हुआ। जहां मेला स्थल पर लगे डोलर, झूले, चकरी का मेलार्थियों ने भरपूर आनंद लिया।
