रेलवे भूमि अवाप्ति पर रायला पंचायत ने जताई कड़ी आपत्ति, संज्ञान नहीं लेने पर 5 KM की 'परेड' को मजबूर होंगे ग्रामीण

रायला। रेलवे द्वारा रायला में की जा रही भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया पर रायला ग्राम पंचायत ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। पंचायत ने जिला कलेक्टर, स्थानीय सांसद और विधायक को पत्र लिखकर सार्वजनिक रास्तों को अवाप्त नहीं करने की मांग की है, क्योंकि यदि इन रास्तों को रेलवे द्वारा ले लिया गया तो क्षेत्र के हजारों लोगों को मुख्य चौराहे तक पहुंचने के लिए लगभग 5 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी।
ग्राम पंचायत प्रशासक गीता देवी जाट ने बताया कि आराजी नंबर 646, 643, 644, 645, 730, 739, 770, 1117, 1087, 1088, 1089, 1254, 1258, 1259 की भूमि वर्तमान में सार्वजनिक रास्ते के रूप में उपयोग में आ रही है। ये रास्ते रैगरों का खेड़ा, दगदी खेड़ा, बागर वाला खेड़ा, रेलवे स्टेशन खेड़ा, रेलवे स्टेशन, रायला गांव की मुख्य आबादी क्षेत्र, बापू नगर और जनता कॉलोनी को जोड़ते हैं।
5 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी का संकट
प्रशासक जाट ने चिंता जताते हुए कहा कि यदि इन रास्तों को रेलवे द्वारा अवाप्त कर लिया जाता है, तो ये सभी आम रास्ते बंद हो जाएंगे। ऐसे में, लोगों को चौराहे तक जाने के लिए 5 किलोमीटर लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी, जिससे आमजन को भारी परेशानी होगी। हॉस्पिटल, स्कूल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और हाईवे की तरफ जाने वाले लोगों के लिए यह प्रशासनिक ढिलाई बड़ी समस्या खड़ी कर सकती है।
प्रशासन की निष्क्रियता पर रोष
ग्राम पंचायत ने निर्धारित समय में जिला कलेक्टर को आपत्ति दर्ज करा दी है, साथ ही वर्तमान सांसद और विधायक को भी पत्र भेजा है, लेकिन अभी तक आपत्ति पर कोई सुनवाई नहीं हुई है। प्रशासक ने जनहित को ध्यान में रखते हुए आम रास्तों के लिए अतिरिक्त भूमि अवाप्ति कर सार्वजनिक हित सुरक्षित करने की मांग की है।प्रशासक ने स्पष्ट किया कि यदि प्रशासन ने समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया और आम रास्तों को सुरक्षित नहीं किया गया, तो ग्रामवासी आंदोलन की राह पकड़ सकते हैं, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
