मिलीभगती का खेल: यूं बनाए जा रहे है फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, अधिवक्ता मुकदमा दर्ज कराने के लिए कर चुका कई शिकायतें
रायला । बागरवाला का खेड़ा के रहने वाले एक अधिवक्ता ने अपने नाम से फर्जी बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले एक मामले का भण्डाफोड़ करते हुए पुलिस प्रशासन के साथ न्यायालय से कार्रवाई की मांग की है।
रायला क्षेत्र के बागरवाला का खेड़ा के रहने वाले अधिवक्ता राजू लाल पिता रामकरण तेली ने पुलिस अधीक्षक, कलक्टर, आईजी और न्यायिक मजिस्ट्रेट गुलाबपुरा को शिकायत कर उसके नाम से उसके दो और बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनवा लिये गये जबकि उसके दो ही बच्चे है, चार बच्चे नहीं है। तेली ने आरटीआई के जरिए फर्जी तरीके से बनाए गए जन्म प्रमाण पत्रों के दस्तावेज भी हांसिल किए है।
तेली ने फर्जी प्रमाण पत्र बनाए जाने की कहानी बताते हुए कहा कि दो फर्जी गवाह के शपथ पत्र तैयार किए गए है। एक फर्जी दाई के साथ ही बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र आवेदन रजिस्ट्रार जन्म मृत्यु ग्राम पंचायत में पेश किया जाता है। फर्जी पत्रों को नॉटेरी पब्लिक से नोटरी करवाया जाता है। इसके बाद जन्म प्रमाण पत्र हांसिल कर लिया जाता है। जबकि कोई बच्चा ही न हुआ। मिलीभगती का इस खेल का भण्डाफोड़ करते हुए तेली ने पुलिस व प्रशासन को दस्तावेज मुहैया कराए गए लेकिन कार्रवाई करने के बजाए उसे ही पाबंद करने का प्रयास किया गया।
तेली ने बताया कि उसके दो संताने हुई है एक रायला स्वास्तिक केन्द्र में 24 नवम्बर 20123 को एवं एक अन्य संतान ध्रवकुमार साहू का 13 सितम्बर 2015 को भीलवाड़ा में गार्गी हॉस्पीटल में हुआ था। उसके दो बच्चे ही है लेकिन सरकारी दस्तावेजों में उसके चार बच्चे बताए गए है। पहला बच्चा 24-11-2013, दूसरा बच्चा 24-11-2024, तीसरा 13-9-2015 और चौथा 13-9-2016 को पैदा होना बताया गया है। इनमें दो फर्जी व दो असली है। फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले लोगों की नामजद शिकायत की गई है। इस संबंध में राजस्थान संपर्क पोर्टल पर भी शिकायत की गई जिसमें जवाब मिला कि प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। लेकिन यह कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि इस तरह कई और मामले भी सामने आ सकते है। जिनमें निजी स्कूल, नोटेरी पब्लिक, फर्जी गवाह व अन्य लोग शामिल है।