साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा ने वैद्य चोधरी को “चिकित्सा सेवा रत्न” से सम्मानित किया

शाहपुरा-पेसवानी नाथद्वारा में साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा द्वारा आयोजित भव्य वार्षिक सम्मान समारोह में समाजसेवी और आयुर्वेदिक चिकित्सा क्षेत्र के क्षेत्रपथ प्रदर्शक वैद्य हंसराज चोधरी को प्रतिष्ठित चिकित्सा सेवा रत्न मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। यह विशेष आयोजन संस्था के प्रेक्षागार में बड़ी धूमधाम से संपन्न हुआ, जिसमें देशभर से साहित्य, चिकित्सा व समाज सेवा के क्षेत्र में योगदान देने वाले प्रमुख विभूतियों ने भाग लिया।
साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा के प्रधानमंत्री श्यामप्रकाश देवपुरा ने समारोह के अवसर पर बताया कि इस वर्ष भी संस्था ने साहित्य व संस्कृति के क्षेत्र में विशेष कार्य करने वाले विभूतियों को सम्मानित किया। समारोह में उपनिषद पर आधारित विविध साहित्यिक चर्चाएं आयोजित की गईं, जिसमें साहित्यकारों ने अपने विचार साझा किए। इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम, नगर भ्रमण, पुस्तक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिससे साहित्य के प्रति आमजन में गहरी रुचि उत्पन्न हुई। समारोह में कुल 14 राज्यों से आए 67 साहित्य मनीषियों को मानद उपाधि व अलंकरण से सम्मानित किया गया।
इस विशिष्ट सम्मान समारोह में चिकित्सा सेवा रत्न से सम्मानित होने वाले वैद्य हंसराज चोधरी नवग्रह आश्रम मोतीबोर खेड़ा के संस्थापक अध्यक्ष हैं। उन्होंने आयुर्वेदिक चिकित्सा के क्षेत्र में वर्षों से समाज सेवा का कार्य किया है। वैद्य चोधरी का योगदान न केवल चिकित्सा सेवा में अपितु सामाजिक कल्याण कार्यों में भी सराहनीय रहा है। उन्होंने बताया कि उनका उद्देश्य सस्ते व प्रभावी चिकित्सा माध्यम से समाज के हर व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाना है। इस दौरान उन्होंने समाज के प्रति अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा, “स्वास्थ्य ही जीवन की आधारशिला है, और समाज की सेवा करना ही मेरे कर्म का मूल उद्देश्य है।”
सम्मान ग्रहण करते समय वैद्य हंसराज चोधरी ने साहित्य मंडल के प्रधानमंत्री श्यामप्रकाश देवपुरा को अपनी प्रकाशित पुस्तकों का विशेष सेट भेंट स्वरूप प्रदान किया। यह पुस्तकों का सेट आयुर्वेद व समाज सेवा पर आधारित है, जो चिकित्सा व साहित्य के बीच एक अनूठा समन्वय प्रस्तुत करता है। साहित्य मंडल के अध्यक्ष मदनमोहन शर्मा ने वैद्य चोधरी को सम्मानित कर आभार व्यक्त किया और कहा कि उनके प्रयास समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं।
समारोह में संस्था सदस्य अनिरुद्ध देवपुरा और प्रदुम्न देवपुरा ने यह बताया कि इस प्रकार के आयोजन समाज में साहित्य के महत्व को बढ़ावा देने के साथ-साथ विभूतियों के योगदान को उजागर करने का महत्वपूर्ण माध्यम बनते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हिन्दी भाषा व साहित्य के विकास के लिए संकल्प लिया गया, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इसे गर्व से आगे बढ़ा सकें।
इस अवसर पर साहित्य प्रेमियों, चिकित्सकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, विद्यार्थियों और आमजन ने बड़ी संख्या में भाग लिया। समारोह का समापन सामाजिक सौहार्द और हिन्दी भाषा के सशक्तिकरण के संकल्प के साथ हुआ। सभी उपस्थित जनों ने मिलकर हिन्दी भाषा को समाज में मजबूती से स्थापित करने का संकल्प लिया और भविष्य में ऐसे आयोजनों को और भी व्यापक रूप देने की बात कही।
यह वार्षिक सम्मान समारोह साहित्य व चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में प्रेरणादायक कार्य करने वाले व्यक्तित्वों को सम्मानित करने की परंपरा को और मजबूती प्रदान करता रहेगा। समाज के प्रति समर्पित वैद्य हंसराज चोधरी का यह सम्मान न केवल उनके कार्य का मान्यता प्रमाण है, बल्कि समाज के अन्य लोगों के लिए भी एक मिसाल बन गया है।
