सरदार नगर: छात्राओं से अश्लील हरकतों के आरोपी शिक्षक पर महज तबादला, शिक्षा विभाग की कार्यवाही पर उठे सवाल

भीलवाड़ा। हलचल न्यूज सेवा
बनेड़ा ब्लॉक के सरदार नगर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में छात्राओं से अश्लील हरकतें करने वाले शिक्षक पिंटू खारोल के मामले ने तूल पकड़ लिया है। शिक्षा विभाग की ढीली और लापरवाह कार्यवाही पर अब गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। मामला तब उजागर हुआ जब छात्राओं ने शिक्षक की हरकतों से परेशान होकर गरिमा पेटी में शिकायत दर्ज कराई।
यू खुला मामला
छात्राओं ने शिकायत में बताया कि शिक्षक पिंटू खारोल उन्हें गंदी नजरों से घूरता, वीडियो बनाता, और लगातार अशोभनीय व्यवहार करता था। यह कोई पहली बार नहीं है – यह तीसरा मौका है जब शिक्षक पर इस प्रकार के गंभीर आरोप लगे हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ स्थानांतरण कर दिया गया।शिक्षक पिंटू खारोल पर यह तीसरी बार गंभीर आरोप लगे हैं। इससे पहले वह लापिया स्कूल में कार्यरत था। वहां इंटर्नशिप कर रही छात्रा के साथ भी इस तरह की घटना सामने आई थी। उस समय भी विभाग ने उसे हटाकर सरदार नगर बालिका विद्यालय भेजा। वहां भी छात्राओं से गंदी हरकतों की शिकायत के बाद उसे उसी गांव के उच्च माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ कर दिया।
शिक्षा विभाग पर लापरवाही के आरोप
अभिभावकों और ग्रामीणों का कहना है कि इतनी गंभीर शिकायतों के बाद भी सिर्फ तबादला करना न्याय नहीं है, बल्कि इससे आरोपी शिक्षक को संरक्षण देने जैसा संदेश जाता है। उन्होंने मांग की है कि शिक्षक को निलंबित कर कठोर जांच हो और दोषी पाए जाने पर सेवा से बर्खास्त किया जाए।
क्या है गरिमा पेटी?
गरिमा पेटी शिक्षा विभाग की एक पहल है, जहां छात्राएं बिना नाम बताए अपनी समस्याएं और शिकायतें दर्ज कर सकती हैं। इस पहल का उद्देश्य छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, लेकिन जब शिकायतों पर उचित कार्रवाई नहीं होती, तो इस व्यवस्था पर ही सवाल उठने लगते हैं।
छात्राओं की सुरक्षा पर सवाल
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि विद्यालयों में छात्राओं की सुरक्षा को लेकर व्यवस्था कितनी सजग है। अगर एक शिक्षक बार-बार इसी तरह के मामलों में लिप्त पाया जाता है और उसे सख्त सजा नहीं मिलती, तो शिक्षण संस्थानों की गरिमा और छात्राओं का आत्मविश्वास दोनों खतरे में पड़ सकते हैं।
मांग उठ रही है कि शिक्षा विभाग इस मामले में जल्द और कठोर कदम उठाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
