संगम मिल रायला में हार्ट अटैक से सिक्योरिटी की मौत, 4 बच्चों के पिता को 5 लाख मुआवजा मिलने के बाद अंतिम संस्कार

रायला रायला कस्बे के निकट स्थित संगम मिल में कार्यरत सिक्योरिटी जवान नंद लाल तेली (पिता लक्ष्मण तेली) निवासी धोली की मंगलवार को ड्यूटी के दौरान अचानक दिल का दौरा पड़ने से दुखद मृत्यु हो गई। 42 वर्षीय नंद लाल अपने परिवार में एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। उनकी असामयिक मौत ने न केवल स्थानीय ग्रामीणों को स्तब्ध कर दिया, बल्कि उनकी पत्नी, तीन बेटियों और एक छोटे बेटे को बेसहारा छोड़ दिया है। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, और बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता गहरा गई है। जानकारी के अनुसार नंद लाल तेली पिछले दो वर्षों से संगम मिल में सिक्योरिटी की ड्यूटी कर रहे थें। मंगलवार मध्यरात्रि को ड्यूटी के दौरान उन्हें अचानक सीने में दर्द हुआ और दिल का दौरा पड़ा। मिल कर्मचारियों ने उन्हें आनन-फानन में रायला के निजी अस्पताल पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद जब उन्हें घर वापस लाया जा रहा था, तभी रास्ते में उन्हें एक और गंभीर दिल का दौरा पड़ा, जो जानलेवा साबित हुआ। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस हृदय विदारक घटना के बाद मिल प्रबंधन के एक कृत्य ने ग्रामीणों में भारी आक्रोश भर दिया। मिल कर्मचारियों ने मृतक के गांव धोली के बजाय, बिना परिवार या किसी ग्रामीण को सूचित किए, शव को सीधे उनके ससुराल में छोड़कर चले गए। 5 लाख की सहायता राशि दिलाने के बाद हुआ अंतिम संस्कार, शव को ससुराल छोड़ने की खबर फैलते ही धोली गांव और आस-पास के ग्रामीणों में भारी गुस्सा भड़क उठा। आक्रोशित ग्रामीणों ने तत्काल मिल प्रबंधन से मृतक के परिवार के लिए उचित मुआवजे की मांग की। इस मुश्किल घड़ी में सरपंच संघ जिला अध्यक्ष शक्ति सिंह कालियास और सामाजिक कार्यकर्ता भैरूलाल गुर्जर जबरकिया ने तुरंत मोर्चा संभाला। उनके सक्रिय प्रयासों और मिल प्रबंधन के साथ कड़े विरोध के बाद लंबी बातचीत हुई। अंतत मिल प्रशासन ने पीड़ित परिवार को आर्थिक संबल प्रदान करते हुए 5 लाख रुपये की सहयोग राशि का मुआवजा देने पर सहमति जताई। एक ग्रामीण ने भारी मन से बताया कि नंद लाल बहुत मेहनती और सीधे-सादे इंसान थे। वह मिल में काम करके ही अपने पूरे परिवार का भरण-पोषण करते थे। यह न केवल परिवार के लिए, बल्कि पूरे गांव के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने आगे कहा कि उनके छोटे-छोटे बच्चों और पत्नी को अब कौन संभालेगा, यही सबसे बड़ी चिंता है। मुआवजे की सहमति और समाज के लोगों द्वारा परिवार को भविष्य में सहयोग देने के आश्वासन के बाद ही मृतक नंद लाल तेली का अंतिम संस्कार किया जा सका। स्थानीय लोग अब इस मुश्किल घड़ी में पीड़ित परिवार की हर संभव मदद के लिए एक अभियान चलाने की बात कर रहे हैं, ताकि मासूम बच्चों का भविष्य अंधकारमय न हो।
