अरवड बांध की पाल जर्जर, नहरों में अतिक्रमण और कंट्रोलरूम क्षतिग्रस्त, प्रशासन से सुरक्षा व मरम्मत की मांग

फूलियाकलां (राजेश शर्मा): क्षेत्र का सबसे बड़ा अरवड़ बांध इस समय खतरे की घंटी बजा रहा है। बांध में पानी का स्तर लगभग सवा तेइस फीट तक पहुँच गया है, जबकि इसकी पूर्ण भराव क्षमता 24 फीट है।
ग्रामीणों का कहना है कि अरवड़ बांध और डाक बंगले की दशा वर्षों से लापरवाही के कारण खराब हो चुकी है। बांध की पाल के दोनों ओर कटीली झाड़ियां उगी हुई हैं, कई जगह गड्डे पड़ गए हैं, जिससे हादसे का खतरा हमेशा बना रहता है।
बांध की नहरों पर स्थित कंट्रोलरूम (मोरी) पूरी तरह क्षतिग्रस्त है। सरिये निकल चुके हैं, दरारें आ चुकी हैं और नहर की पटरियों पर अतिक्रमण और गोबर की रोटियां जमा होने के कारण पानी की निकासी प्रभावित हो रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि डाक बंगला भी जर्जर स्थिति में है। आज गुरुवार को जब ग्रामीण बांध देखने पहुंचे, तो बांध के पास बड़े नाड़े में पानी रिसते हुए दिखाई दिया।
ग्रामीणों की मांग है कि बांध की सुरक्षा और देखरेख के लिए कर्मचारी और चौकीदार तैनात किए जाएं। उन्होंने स्थानीय प्रशासन और विभाग से तत्काल संज्ञान लेकर समस्या का समाधान करने की अपील की है।
