शाहपुरा में जिला बचाओ संघर्ष समिति का एलान, जिला नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ तेज होगा आंदोलन
शाहपुरा। जिला बचाओ संघर्ष समिति ने जिले की मांग को लेकर आंदोलन को और तेज करने का एलान किया है। समिति ने जिला नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ संघर्ष का नया अध्याय शुरू करने की घोषणा की है। नए साल में आंदोलन को नई रणनीति के साथ आगे बढ़ाया जाएगा। इस संबंध में मंगलवार शाम कोर्ट परिसर में समिति की बैठक आयोजित हुई, जिसमें 17 जनवरी 2026 को एक विशाल बैठक करने का निर्णय लिया गया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए संघर्ष समिति के अध्यक्ष दुर्गा लाल राजोरा ने कहा कि समिति नए साल में आंदोलन को अधिक प्रभावी और व्यापक बनाने के लिए नई रणनीति पर काम करेगी। बैठक में सर्वसम्मति से आंदोलन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई और यह तय किया गया कि आंदोलन को केवल सीमित दायरे तक न रखकर पूरे क्षेत्र में जन आंदोलन का रूप दिया जाएगा।
आगामी 17 जनवरी 2026 को प्रस्तावित विशाल बैठक में संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने पर विशेष जोर दिया जाएगा। इसमें अध्यक्ष और संयोजक के बाद कार्यकारिणी का विस्तार करने और नए सदस्यों को जोड़ने का निर्णय लिया गया है। समिति का मानना है कि इससे आंदोलन की पहुंच बढ़ेगी और जिले की मांग को लेकर दबाव और मजबूत होगा।
बैठक में प्रॉपर्टी संगठन के अध्यक्ष अजय मेहता ने मुख्यमंत्री को उनके जिले को लेकर किए गए वादे की याद दिलाने के लिए पूरे जिले में पोस्टकार्ड अभियान चलाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि यह अभियान सरकार तक जनता की आवाज पहुंचाने का प्रभावी माध्यम बन सकता है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अखिल व्यास ने आंदोलन में नई गतिविधियों को जोड़ने पर जोर देते हुए कहा कि संघर्ष को निरंतर और रचनात्मक तरीके से आगे बढ़ाना जरूरी है, ताकि जनता की भागीदारी लगातार बनी रहे। वहीं किसान संघ के अध्यक्ष सूर्यप्रकाश ओझा ने आगामी निकाय और पंचायतीराज चुनावों से पहले जन जागरूकता के लिए पूरे जिले में पैम्फलेट बांटने का प्रस्ताव रखा।
प्रॉपर्टी संघ के नूर मोहम्मद ने बैठक में यह प्रस्ताव भी रखा कि आने वाले चुनावों में जिले की मांग का समर्थन करने वाली पार्टी को समर्थन दिया जाए या आवश्यकता पड़ने पर संघर्ष समिति की ओर से ही उम्मीदवार मैदान में उतारे जाएं। इस प्रस्ताव पर भी बैठक में गंभीर चर्चा की गई।
बैठक में कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष रामेश्वर सोलंकी, स्टाम्प वेंडर संघ अध्यक्ष भगवान सिंह यादव, कांग्रेस नेता अविनाश शर्मा, सेवानिवृत्त कोष अधिकारी उदय लाल बैरवा, हाजी उस्मान छिपा, सत्यनारायण पाठक, विनीत बुनकर, प्रवीण पारीक, रज्जाक मोहम्मद देशवाली, धनराज जीनगर, लक्ष्मीनारायण कोली, अधिवक्ता योगेंद्र सिंह भाटी, किशन लाल कहार, नाहर सिंह बंजारा, नजीर मोहम्मद, वेदप्रकाश धाकड़, मदन लाल कंडारा और अभय गुर्जर सहित बड़ी संख्या में संघर्ष समिति के सदस्य मौजूद रहे।
