रामनिवास धाम में अध्यात्म की गूंज, अरुणाचार्य महाराज का संत नवनिधराम महाराज से आत्मीय संवाद

शाहपुरा। मूलचन्द पेसवानी
शाहपुरा की पावन धरा इन दिनों आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत है। मालिनी वाटिका में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से भक्तों को कथारस का पान करा रहे मथुरा के सुप्रसिद्ध कथा वाचक पंडित अरुणाचार्य जी महाराज ने आज रामनिवास धाम पहुंचकर स्तंभजी के दर्शन किए और संप्रदाय की परंपराओं की जानकारी ली।
रामद्वारा पहुंचने पर अरुणाचार्य जी महाराज ने कहा कि राम नाम का सुमिरन ही भक्ति का सर्वोच्च मार्ग है और जीवन में शांति व संतुलन के लिए स्वाध्याय अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि रामनिवास धाम जैसे आध्यात्मिक स्थल साधना, चिंतन और आत्मिक उन्नति के लिए अत्यंत उपयुक्त हैं।
इस अवसर पर उनकी भेंट रामनिवास धाम के भंडारी संत नवनिधराम महाराज से हुई। दोनों संतों के मध्य गहन आध्यात्मिक चर्चा हुई, जिसमें संप्रदाय की स्थापना से लेकर वर्तमान तक की परंपराओं, साधना पद्धति और सामाजिक योगदान पर विस्तार से संवाद हुआ। संत नवनिधराम महाराज ने कथावाचक को संप्रदाय के इतिहास, नियमों और रामनिवास धाम परिसर के प्रत्येक पावन स्थल की जानकारी प्रदान की।
रामद्वारा परिसर में कथा वाचक अरुणाचार्य जी महाराज का संत नवनिधराम महाराज, सूर्यप्रकाश बिड़ला एवं नारायण सिंह द्वारा शाल ओढ़ाकर सम्मान किया गया। साथ ही संप्रदाय का साहित्य एवं प्रसाद भेंट कर उन्हें आत्मीय सम्मान प्रदान किया गया। यह क्षण श्रद्धा, सम्मान और साधना के त्रिवेणी संगम का साक्षी बना।
कथा वाचक के साथ उनकी पूरी टीम भी उपस्थित रही। इस अवसर पर रामद्वारा प्रबंध से जुड़े सूर्यप्रकाश बिड़ला व नारायण सिंह, पूर्व शिक्षा उपनिदेशक तेजपाल उपाध्याय, महावीर प्रसाद दीक्षित सहित अनेक श्रद्धालु व गणमान्यजन मौजूद रहे।
