कोटड़ी श्याम मंदिर प्रांगण में गूँजा रामचरितमानस पाठ का अमृत रस

कोटड़ी श्याम मंदिर प्रांगण में गूँजा रामचरितमानस पाठ का अमृत रस
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शाहपुरा। पेसवानी धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं से समृद्ध क्षेत्र के प्रसिद्ध तीर्थस्थल श्री कोटड़ी चारभुजा मंदिर में दो दिवसीय अखंड श्रीरामचरितमानस पाठ का भव्य आयोजन हुआ। जय श्री कल्याण मानस मंडल के तत्वावधान में 24 और 25 अगस्त को आयोजित इस कार्यक्रम में श्रद्धालुओं ने भक्ति सागर में डुबकी लगाई और विश्व कल्याण की कामना के साथ प्रभु श्रीराम का स्मरण किया।

अखंड पाठ से गूँजा मंदिर प्रांगण

संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित कल्याण मल दाधीच के सान्निध्य में वैदिक आचार्यों और पंडितों ने पूर्ण श्रद्धा और विधि-विधान के साथ अखंड पाठ की शुरुआत की। जैसे-जैसे रामचरितमानस के पावन पद गूंजते रहे, मंदिर प्रांगण भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत होता गया। श्रद्धालु देर रात तक बैठकर मानस के अमृत-रस में डूबते रहे।

सनातन संस्कृति के प्रचार का उद्देश्य

संगठन के वैदिक प्रभारी पवन पाराशर ने बताया कि सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार और भावी पीढ़ियों में धार्मिक जागरण की भावना जगाने हेतु यह आयोजन प्रत्येक माह अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से द्वितीया तक नियमित रूप से किया जाता है।

उन्होंने कहा कि रामचरितमानस का पाठ न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि यह जीवन को सकारात्मक दिशा देने और समाज में नैतिक मूल्यों के उत्थान का मार्ग भी प्रशस्त करता है।

श्रद्धालुओं की रही भारी भीड़

दोनों ही दिनों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। महिलाएं मंगल गीत गाती हुईं और पुरुष सामूहिक पाठ में शामिल होकर प्रभु श्रीराम के गुणगान करते दिखे। मंदिर परिसर में गूंजते “जय श्रीराम” के उद्घोष से वातावरण भक्तिमय बना रहा।

भजन-कीर्तन से झूमे भक्त

दूसरे दिन पाठ के समापन अवसर पर भजन-कीर्तन संध्या का आयोजन हुआ। स्थानीय कलाकारों और भजन मंडलियों ने प्रभु श्रीराम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी के भजनों की प्रस्तुति दी।“राम नाम के भजनों” पर भक्तगण तालियाँ बजाते और झूमते नजर आए। इस दौरान पूरा परिसर मानो अयोध्या धाम की पवित्र छवि प्रस्तुत कर रहा था।

कार्यक्रम का समापन भव्य महाआरती के साथ हुआ। दीपों की ज्योति से सजे मंदिर परिसर में श्रद्धालु हाथ जोड़कर प्रभु से आशीर्वाद प्राप्त करते रहे। महाआरती के पश्चात् सभी भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। सैकड़ों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर आत्मिक तृप्ति पाई।

गणमान्यजनों की उपस्थिति

इस अवसर पर शुभम शास्त्री, कमलेश शर्मा, पंडित साँवरिया पाराशर सहित क्षेत्र के अनेक गणमान्यजन और श्रद्धालु उपस्थित रहे। सभी ने आयोजन की सराहना करते हुए इसे समाज में धार्मिक चेतना और सद्भावना का प्रतीक बताया।

माहौल रहा आध्यात्मिक और प्रेरणादायी

मंदिर प्रांगण में हुए इस आयोजन ने श्रद्धालुओं को न केवल भक्ति भाव में सराबोर किया, बल्कि उन्हें धर्म, नीति और आदर्श जीवन की दिशा में प्रेरित भी किया। आयोजन समिति ने बताया कि भविष्य में भी इसी प्रकार मासिक स्तर पर अखंड पाठ आयोजित किए जाते रहेंगे, ताकि समाज में भक्ति और सदाचार की धारा निरंतर प्रवाहित हो।

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