शाहपुरा में श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव का शुभारंभ, कलश यात्रा के साथ गूंजा नगर

शाहपुरा, मूलचन्द पेसवानी शाहपुरा नगर में सोमवार को आध्यात्मिक चेतना और भक्ति भाव का अनुपम दृश्य देखने को मिला, जब विदूषी शिक्षाविद् स्वर्गीय अनुराग बाला पाराशर की पुण्य स्मृति में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव का भव्य शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर परशुराम स्मारक स्थल से मालिनी वाटिका तक महिलाओं द्वारा मंगल कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें श्रद्धा, भक्ति और उत्साह का अद्भुत संगम नजर आया।
कलश यात्रा बैंड-बाजों, भक्ति संगीत और जयघोषों के साथ नगर के प्रमुख मार्गों से होकर गुजरी। सिर पर मंगल कलश धारण किए श्रद्धालु महिलाओं की लंबी कतार ने पूरे शहर को आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर कर दिया। यात्रा में कथा वाचक, पाराशर-सनाठ्य परिवार सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। मालिनी वाटिका पहुंचने पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिवत कथा का शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम के आयोजक, सेवानिवृत्त वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. कमलेश कुमार पाराशर ने बताया कि 15 से 21 दिसंबर तक आसींद रोड स्थित मालिनी वाटिका में प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से सायं 4 बजे तक श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा महोत्सव में मथुरा के सुप्रसिद्ध कथा वाचक पंडित अरुणाचार्य जी महाराज अपनी ओजस्वी वाणी से श्रीकृष्ण की लीलाओं, भक्त प्रह्लाद, धुव चरित्र, गोवर्धन लीला सहित भागवत तत्वज्ञान की अमृत वर्षा करेंगे।
पहले दिन कथा वाचन के दौरान पंडित अरुणाचार्य जी महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा के महात्म्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मानव जीवन को सफल और सार्थक बनाने के लिए भागवत कथा का श्रवण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह कथा न केवल भक्ति का मार्ग दिखाती है, बल्कि जीवन में सत्य, प्रेम और करुणा के मूल्यों को आत्मसात करने की प्रेरणा भी देती है।
कथा शुभारंभ समारोह में पूर्व शिक्षा उपनिदेशक तेजपाल उपाध्याय एवं परमेश्वर कुमावत ने कथा वाचक के जीवन परिचय और श्रीमद् भागवत की उपादेयता पर प्रकाश डाला। तेजपाल उपाध्याय ने स्वर्गीय अनुराग बाला पाराशर के साहित्यिक एवं शैक्षणिक योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने न केवल साहित्य की सेवा की, बल्कि समाज में नैतिक मूल्यों को सुदृढ़ करने का भी कार्य किया। उनकी रचनाएं इतनी सशक्त थीं कि उन पर लघु फिल्में तक बनाई गईं।
स्वर्गीय अनुराग बाला पाराशर एक प्रखर शिक्षाविद् और साहित्य जगत की प्रतिष्ठित हस्ताक्षर थीं। उनकी लेखनी ने समसामयिक विषयों को गहराई से स्पर्श किया और समाज को नई दिशा दी। उनकी स्मृति में आयोजित यह भागवत कथा महोत्सव श्रद्धा, संस्कार और भक्ति का सशक्त प्रतीक बनकर उभरा है।
आयोजन स्थल पर भव्य पंडाल, आकर्षक सजावट और श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। प्रतिदिन भजन-कीर्तन और आरती का आयोजन भी होगा। इस अवसर पर प्रेमदेवी पाराशर, विपिन सनाठ्य, राजेंद्र बोहरा, जयदेव जोशी, महावीर प्रसाद दीक्षित, धर्मवीर चैधरी, देवेंद्र सिंह बूलियां, बालकृष्ण बीरां, बंशीलाल छीपा, सत्यव्रत वैष्णव, अंकुर ओझा, सुशील गौड़, अशोक सनाठ्य, पं. राकेश भट्ट, तारा चाष्टा, अनिता शर्मा, ऋतु पाराशर सहित अनेक महिला-पुरुष श्रद्धालु उपस्थित रहे।
आयोजक डॉ. कमलेश कुमार पाराशर ने शाहपुरा एवं आसपास के क्षेत्र के समस्त भागवत प्रेमियों और श्रद्धालुओं से अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर कथा श्रवण करने और पुण्य लाभ अर्जित करने की अपील की है।
