प्रशासन की उदासीनता, सुविधाओं से वंचित ग्रामीण, सड़क निर्माण में ठेकेदार की मनमर्जी से ग्रामीणों में आक्रोश

प्रशासन की उदासीनता, सुविधाओं से वंचित ग्रामीण, सड़क निर्माण में ठेकेदार की मनमर्जी से ग्रामीणों में आक्रोश
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राजेन्द्र खटीक शाहपुरा! धनोप/ फूलिया कलां उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत धनोप के जोरा का खेड़ा व नंदा का खेड़ा को राजस्व गांव घोषित होने के बाद भी ग्रामीण भौतिक सुख सुविधाओं से वंचित है। पंचायत मुख्यालय आने के लिए सड़क पर बड़ी-बड़ी गिट्टी फैला कर छोड़ दिया गया है। सरकार की ओर से सड़क स्वीकृत होने के बाद भी आज तक ग्रामीण सड़क का इंतजार कर रहे हैं। ठेकेदार ने आधा-अधूरा कार्य करके कार्य बंद कर दिया। कार्य पूर्ण करने की तारीख 23 अगस्त 2024 भी निकल चुकी है। लेकिन सड़क का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया। जोरा का खेड़ा एव नंदा का खेड़ा के ग्रामीणों का आम रास्ता जो ग्राम पंचायत मुख्यालय धनोप के मुख्य सड़क है। रास्ता बदहाल होने से ग्रामीणों को आने-जाने में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। दोनों गांव से पांचवी व आठवीं के बाद छात्र-छात्राओं पढ़ने के लिए धनोप आना पड़ता है लेकिन रास्ते में बड़ी-बड़ी गिट्टी बिछाकर छोड़ रखा है जिस पर पैदल चलना तो दूर टू व्हीलर फोर व्हीलर का गुजरना भी बड़ा मुश्किल है। दोनों गांव के ग्रामीण दैनिक दिनचर्या का सामान लेने के लिए धनोप आते हैं, लेकिन रास्ते की हालत यह है कि पैदल तक नहीं चला जा सकता है। फूलिया कलां जाते हैं तो रास्ते में एक तरफ खारी नदी के पानी का बहाव व एक तरफ मानसी नदी के पानी का बहाव रास्ता रोक देता है। सड़क निर्माण को लेकर ग्रामवासियों ने विधानसभा चुनाव व लोकसभा चुनाव में ग्रामीणों ने 'रोड नहीं तो वोट नहीं' नारा देकर चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया, लेकिन प्रशासन की ओर से चुनाव के बाद सड़क निर्माण का आश्वासन देने के बावजूद सड़क निर्माण पूर्ण नहीं कराया गया। ग्राम जोरा का खेड़ा एकमात्र प्राथमिक विद्यालय भवन व नंदा का खेड़ा ग्राम में एकमात्र उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित है। विद्यालय भवन में बारिश के दिनों में पानी टपकने के कारण विद्यार्थी बाहर बैठने को या फिर घर ही रहने को मजबूर है। भवन निर्माण में कमियों के चलते कभी भी हादसे की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। जोरा का खेड़ा में ग्राम से लेकर श्मशान जाने तक का रास्ता रेकॉर्ड में दर्ज नहीं है। इसको लेकर भी ग्रामीणों ने प्रशासन को अवगत कराया लेकिन आजतक समस्या का समाधान नहीं निकाला गया।

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