कोटडी श्याम झलझूलन महोत्सव: भक्तो के कंधों पर सवार होकर निज धाम से जलझूलन को निकले कोटडी श्याम,हजारों भक्तों ने भी साथ लगाई डुबकी

भक्तो के कंधों पर सवार होकर निज धाम से जलझूलन को निकले कोटडी श्याम,हजारों भक्तों ने भी साथ लगाई डुबकी
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किसान का रूप धरे कोटडी श्याम की एक झलक पाने को आतुर दिखे हजारों श्रद्धालु

बड़े तड़के ही पहुंचे भक्त

बाटा 56 भोग का प्रसाद

कोटड़ी (राजेन्द्र बबलू पोखरना)

मेवाड़ क्षेत्र में जन- जन की आस्था के प्रमुख धाम भगवान श्रीचारभुजानाथ कोटडी श्याम शनिवार को एकादशी पर परंपरा एव श्रद्धा अनुसार शुभ मूर्हत में दोपहर सवा 3 बजे अपने निज धाम से रजत रेवाडी में सवार होकर भक्तो के कंधों में बिराजमान होकर शाही लवाजमे मेंभक्तो के साथ बाहर निकले तो कोटडी श्याम के दर्शन को आतुर हजारो भक्त उमड़ पड़े व श्रदा रूपी भक्तों के भीड़ के हिलोरे आने लगे जो श्रद्धालुओं को भक्ति के आनद में सराबोर करती नजर आयी। जैसे ही भगवान कोटडी श्याम निज मंदिर से बाहर निकले तो भक्तो ने पलक पावड़े बिछाकर स्वागत किया।

कोटडी श्याम के जयकारों से पूरा कस्बा गूंज उठा। भक्तो ने जगह जगह पुष्प वर्षा कर भगवान का स्वागत किया। शोभायात्रा के रूप में बड़ी संख्या में भक्तो के साथ कोटडी श्याम जल झूलन किया हजारों भक्तों ने भी डुबकी लगाई, भगवान 18 घँटे तक भक्तो के कंधों पर रजत रेवाड़ी में बिराजमान होकर जलझुलन करने के बाद नगर भ्रमण करके रविवार को निज धाम में आगमन करँगे इस ऐतिहासिक पल व दिव्य शोभायात्रा के हजारो भक्त साक्षी बने व महोत्सव में भाग लेने कोटडी श्याम पहुँचे।

रजत रेवाड़ी में सवार हो किसान के रूप में ठाकुरजी निज मूर्त निकले

श्रीचारभुजानाथ के इस जलझूलनी एकादशी पर सुबह कोटडी श्याम का पंडितों के षोडशोपचार, मंगलाचरण के साथ दुग्धाभिषेक एवं त्रिवेणीधाम से कावड़ में लाए जल से अभिषेक हुआ। उसके बाद भगवान को स्वर्णाभुषण से मण्डित पोषाक धारण करा महाआरती की गयी । तीसरे पहर के शुभ मुर्हत में भगवान चारभुजानाथ की अनुमति मिलते ही पुजारी व भक्त निज मूर्त ठाकुरजी को रजत रेवाड़ी में बिराजमान करवायी। कोटडी श्याम का सिंहासन इस दौरान छोटे चारभुजा जी ने संभाला । उसके बाद मान्यता अनुसार कस्बे के पटेल व अहीर समाज जन रामेश्वर पटेल ,राम बख्श जाट ,भगवान अहीर ,भेरू लाल आदि द्वारा भगवान के लिए लाये बागा के सूती लाल टूल के कपड़े से दर्जी समाज द्वारा भगवान के हाथों से पोशाक बनाई गयी पोशाक को धारण करा ठाकुरजी ने किसान का रूप धारण कर ठाट बाट के साथ ढोल नगाड़ों शंक की ध्वनि के साथ भक्तो के कंधों पर सवार होकर ठाकुरजी निज धाम से जेसे ही बाहर निकले तो दर्शन को आतुर हजारो भक्त पुष्प वर्षा के साथ कोटडी श्याम का दीदार करने उमड़ पड़े ।

चारभुजा के बड़े भाई से मिलन राम भरत सा मिलन दिखा

शोभायात्रा के रूप में बाजार होते हुए कोटडी श्याम का विमान जैसे ही चौकी मन्दिर पहुँचता तो चौकी मन्दिर के चारभुजा कोटडी श्याम के बड़े भाई दोनो विमानों का मिलन राम भरत सा मिलन नजर आया । वही से कस्बे के सभी मंदिरों के 11 बेवाण कोटडी श्याम के विमान के साथ जलझुलन को रवाना हुए कोटडी श्याम के भजनों पर नाचते गाते हजारों भक्त झूमते हुए पवित्र सरोवर के घाट पर पहुँच कर कोटडी श्याम को विधिविधान से पंडितो की मौजूदगी में सरोवर में डुबकी लगवाकर झलझूलन करवाया गया व इसके साथ ही 11 बेवाण में बिरजामान सभी भगवान को जलझुलन करवाया गया व एक भगवान की महाआरती हुई।

घर घर के बाहर हुई कोटडी श्याम की पुजा अर्चना

जल झूलन के बाद पर पूरी रात कोटडी श्याम पूरे कस्बे में भक्तों के कंधे पर सवार होकर घर घर जाकर दर्शन दिए व हर घर के बाहर ठाकुर जी की पूजा अर्चना हुई । कस्बेवासियों को बेसब्री से ठाकुर जी का इंतजार रहता है ठाकुरजी जब आये तो कस्बे में दीपावली सा माहौल हो गया । पूरी रात कोटडी श्याम के भक्त डीजे की धुनों पर भजनों पर श्याम की मस्ती में झुमते रहे। अगले दिन पुनः आज अपने निज धाम आकर सिंहासन पर विराजेंगे व भक्तों को दर्शन देंगे ।साथ ही भक्त भी कोटडी श्याम की थकान दूर करने के लिए नाना प्रकार के पेय बनाकर भोग लगाएंगे व उन्हें रिजाने का प्रयास करेंगे।

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