मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग का बनेड़ा में रोड शो

मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग का बनेड़ा में रोड शो
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बनेड़ा (( KK Bhandari )) स्वस्थ जीवनशैली और पोषणयुक्त आहार को लेकर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से बनेड़ा कृषि विभाग द्वारा श्री अन्न (मोटे अनाज) को प्रोत्साहन देने हेतु ब्लॉक स्तरीय रोड शो का भव्य आयोजन किया गया।

इस रोड शो को बनेड़ा प्रधान प्रतिनिधि विजेंद्र सिंह ने पोस्टर दिखाकर रवाना किया।

👉रोड शो के माध्यम से लोगों को मोटे अनाज के महत्व, इसके नियमित सेवन से होने वाले स्वास्थ्य लाभ तथा खेती में इसके बढ़ते आर्थिक मूल्य के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।

*मोटा अनाज: बदलती जीवनशैली के बीच बेहतर विकल्प*

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाजरा, ज्वार, कोदो, रागी जैसे मोटे अनाज में प्राकृतिक खनिज लवण, फाइबर और आवश्यक पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर को ऊर्जा देने के साथ-साथ लंबे समय तक स्वस्थ रखते हैं। उन्होंने कहा कि डायबिटीज, हाई बीपी, मोटापा और पाचन संबंधी समस्याओं में मोटा अनाज अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

अधिकारियों ने यह भी बताया कि आजकल लोग गेहूं के अत्यधिक उपयोग की ओर झुक गए हैं, जिससे मोटापा, शुगर और बीपी जैसी बीमारियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में मोटे अनाज को पुनः दैनिक आहार में शामिल करना समय की मांग बन गया है।

कृषि विभाग ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित करवाना देश के लिए गर्व का विषय रहा। इस घोषणा के बाद से देशभर में मोटे अनाज के उत्पादन, विपणन और उपभोग को बढ़ावा देने के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

👉रोड शो के दौरान किसानों को मोटे अनाज की उन्नत कृषि तकनीकों, कम लागत में अधिक उत्पादन के उपायों तथा बाजार में बढ़ती मांग के बारे में भी जानकारी दी गई। कृषि विभाग के विशेषज्ञों ने किसानों को बताया कि जलवायु परिवर्तन के समय में मोटे अनाज तापमान और जल की कमी के प्रति अधिक सहनशील हैं, जिससे इन्हें उगाना लाभदायक होता जा रहा है।

कार्यक्रम में चेनु लाल गुर्जर, कृषि विभाग से सहायक कृषि अधिकारी डालू लाल माली, वरिष्ठ कृषि पर्यवेक्षक मुकेश शर्मा, सलीम मंसूरी, महावीर पारीक, राकेश मेघवंशी, कृषि पर्यवेक्षक पूजा जाट सहित अनेक कर्मचारी एवं प्रगतिशील कृषक मौजूद रहे।

रोड शो ने पूरे क्षेत्र में स्वस्थ आहार और पारंपरिक मोटे अनाज के प्रति एक सकारात्मक संदेश पहुंचाया। किसानों ने भी इस पहल की सराहना की और भविष्य में मोटे अनाज की खेती बढ़ाने की बात कही।

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