यूआईटी लॉटरी का एक और गड़बड़झाला आया सामने, पूर्व में आवंटित भूखण्ड को पुनः युआईटी द्वारा अन्य व्यक्ति के नाम लॉटरी में निकाला

यूआईटी लॉटरी का एक और गड़बड़झाला आया सामने, पूर्व में आवंटित भूखण्ड को पुनः युआईटी द्वारा अन्य व्यक्ति के नाम लॉटरी में निकाला
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बनेड़ा (के.के.भंडारी)। यूआईटी द्वारा निकाली गई भूखंडों की लॉटरी में नित नई अनियमितताएं उजागर हो रही है । ऐसा ही यूआईटी लॉटरी का एक और गड़बड़झाला सामने आया जिसमें पूर्व में आवंटित भूखण्ड को पुनः युआईटी द्वारा अन्य व्यक्ति के नाम लॉटरी में निकाल दिया गया ।

अजय शर्मा ने बताया कि उसकी माताजी उर्मिला शर्मा के नाम भीलवाड़ा यूआईटी द्वारा 1989 में पंचवटी में एक भूखंड आवंटित किया गया था और इसी भूखंड को अभी हाल ही में यूआईटी द्वारा लॉटरी में किसी अन्य व्यक्ति के नाम पुनः आवंटित कर दिया गया । जिसकी शिकायत जिला कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत कर दी गई ।

उर्मिला शर्मा पत्नि राजेन्द्र कुमार शर्मा, द्वारा जिला कलेक्टर भीलवाडा के समक्ष शिकायत प्रस्तुत कर निवेदन किया गया कि वर्ष 1989 में नगर विकास न्यास भीलवाड़ा द्वारा भूखण्ड संख्या 676-सी पंचवटी योजना, में जरिये दिनांक 30.12.1989 को उसे आवंटित किया गया था, जिसके सम्बन्ध में सचिव, नगर विकास न्यास, भीलवाड़ा को जरिये नोटिस सूचित किया जा चुका है कि भूखण्ड संख्या-676-सी नपती 108.88 वर्गगज (20 फीट बाई 49 फीट) पंचवटी योजना, भीलवाड़ा में भूखण्ड का आवंटनपत्र उर्मिला शर्मा को जारी किया हुआ है एवं अन्य किसी व्यक्ति को पंचवटी योजना के भूखण्ड संख्या-676-सी को पुनः लॉटरी या अन्य किसी तरीके से आवंटित करने का अधिकार नहीं है, लेकिन इसके बावजूद भी अभी हाल ही में नगर विकास न्यास द्वारा निकाली गई 3081 भूखण्ड की लॉटरी में उर्मिला शर्मा का उक्त भूखण्ड किसी अन्य को आवंटित कर दिया गया, जो कि पूर्व आवंटी उर्मिला शर्मा के अधिकारों पर स्पष्टतया कुठाराघात है, जिस सम्बन्ध में उर्मिला शर्मा ने जिला कलेक्टर के समक्ष प्रार्थनापत्र पेश कर न्याय की गुहार लगाई है।

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