बनेड़ा में भक्ति का सैलाब: 1100 कलशों के साथ निकली ऐतिहासिक कलश यात्रा, गायत्री महायज्ञ का आगाज़

बनेड़ा (हेमराज तेली) कस्बे में अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में आयोजित होने वाले 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ रविवार को एक ऐतिहासिक कलश यात्रा के साथ हुआ। अध्यात्म और उत्साह के संगम वाली इस यात्रा में पूरा बनेड़ा नगर गायत्री मंत्र की गूंज से सराबोर हो उठा। मोगरिया जी की धर्मशाला से शुरू हुई इस कलश यात्रा में लगभग 2500 से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया। यात्रा का मुख्य आकर्षण 1100 महिलाएं थीं, जो सिर पर मंगल कलश धारण किए हुए चल रही थीं। यात्रा की भव्यता का आलम यह था कि शहर के मुख्य मार्गों पर जहाँ तक नज़र जा रही थी, केवल कलश धारी महिलाएं ही दिखाई दे रही थीं। 11 श्रद्धालु अपने सिर पर सद्ग्रंथ धारण कर आगे चल रहे थे। नन्ही कन्याएं महापुरुषों की वेशभूषा में सजी-धजी विशेष झांकी के रूप में रथ पर सवार थीं, जो सभी के आकर्षण का केंद्र रहीं। कलश यात्रा मोगरिया धर्मशाला से प्रारंभ होकर चौकी बावड़ी, चारभुजा मंदिर, अजमेरी गेट, सीताराम मंदिर, बैरवा मोहल्ला और माली मोहल्ला होती हुई बस स्टैंड के रास्ते लक्ष्मी भवन पहुँची। पूरे मार्ग में स्थानीय निवासियों और व्यापारियों ने जगह-जगह पुष्प वर्षा कर यात्रा का भव्य स्वागत किया। लक्ष्मी भवन में कलश पूजन और आरती के साथ यात्रा संपन्न हुई। इस अवसर पर शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे अतिथियों का भव्य स्वागत किया गया। मुख्य टोली नायक परमेश्वर लाल साहू का स्वागत एसडीएम श्रीकांत व्यास ने चंदन तिलक और माल्यार्पण कर किया। राम प्रताप यादव का स्वागत बनेड़ा राजाधिराज गोपाल चरण सिंह ने किया। संजय ठाकुर का अभिनंदन थानाधिकारी बच्छराज चौधरी ने किया। अन्य प्रतिनिधियों आर्यन, अभय श्रीवास और देवेंद्र दुबे का स्वागत सरोजना व्यास, रामेश्वर सुखवाल, मुरली मनोहर व्यास और भैरुलाल लक्षकार ने किया। कार्यक्रम के अंत में गायत्री परिवार की गतिविधियों और संस्कारों के महत्व पर प्रकाश डाला गया। आयोजकों ने बताया कि 29, 30 और 31 दिसंबर को प्रतिदिन सुबह 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ आयोजित होगा। यज्ञ के दौरान होने वाले समस्त संस्कार पूरी तरह निःशुल्क रहेंगे। यज्ञ में सम्मिलित होने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए भोजन (प्रसादी) की व्यवस्था भी की गई है। शांतिकुंज के प्रतिनिधियों ने समस्त क्षेत्रवासियों को अधिक से अधिक संख्या में इस आध्यात्मिक अनुष्ठान में भाग लेने का आह्वान किया है।

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