ऑस्ट्रेलिया में वनडे और वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ घरेलू सरजमीं पर टी20 मैचों के बीच छोटे बदलाव से निपटना काफी मुश्किल है : हरमनप्रीत
मुंबई। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने बड़े टूर्नामेंटों ख़ासकर इस साल एशिया कप और टी20 विश्व कप में अहम मैच जीतने में नाकाम रहने के लिए व्यक्तिगत खिलाड़ियों की मानसिकता को जिम्मेदार ठहराया है।
हरमनप्रीत ने रविवार को वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ शुरू होने वाली टी20 सीरीज़ से पहले कहा, "मुझे लगता है कि यह केवल माइंडसेट की बात है क्योंकि अगर आप देखें तो हमारी टीम में बहुत अच्छे खिलाड़ी हैं। जब भी मौक़ा मिला है सभी ने बहुत अच्छा किया है। मुझे लगता है कि बड़े मैचों में केवल माइंडसेट की बात है और क्या आप व्यक्तिगत तौर पर सोच रहे हैं। क्योंकि बतौर खिलाड़ी, बतौर टीम आप केवल इस बात पर काम कर सकते हैं कि आपने अच्छा किया है। दिन के अंत में, यह केवल आप हैं जो परिस्थितियों को सह रहे होते हैं और यह केवल आपकी बात बात है कि कैसे आप आगे जाने को देख रहे हैं।"
"हम इस बारे में बात करते हैं कि हमें जीत के लिए क्या ज़रूरत है, लेकिन अंत में तो यह व्यक्तिगत खेल है कि कैसे आप टीम को जिताने जा रहे हैं।"
इस साल भारत ने 20 में से 13 टी20 जीते हैं, लेकिन इनमें से सभी अहम मैचों में उनको हार मिली है। एशिया कप में वह अजेय थे, लेकिन फ़ाइनल में श्रीलंका से हार गए। इसके बाद वे टी20 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया से अहम मैच में हारकर ग्रुप स्तर में ही बाहर हो गए। एशिया कप के फ़ाइनल में स्मृति मंधाना ने सबसे अधिक रन बनाए लेकिन अन्य बल्लेबाज़ विफल हो गए। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ हरमनप्रीत का एकल प्रदर्शन भी बेकार गया।
अब भारत को आने वाले समय में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ तीन मैचों की सीरीज़ खेलनी है, जबकि इससे पहले वह ऑस्ट्रेलिया में उनके ख़िलाफ़ 0-3 से सीरीज़ हारकर आए हैं।
उन्होंने कहा, "जब आप इस दौर से गुजरते हैं तो यह बहुत मुश्किल होता है। उसी समय हम केवल अच्छी बातों के बारे में बात कर सकते हैं, जो हमने पहले की हैं। मुझे लगता है कि टीम बांडिंग सत्र बेहद अहम है, तो जब हम ऑस्ट्रेलिया से वापस आ रहे थे तो , हमने कई अच्छी बातचीत की, क्योंकि यही समय था जब हम बात कर सकते थे कि कैसे हम सीरीज़ की शुरुआत कर सकते हैं। "
शेड्यूल ने हमारी मदद नहीं की। ये नवी मुंबई के टी20 तुंरत हमारे पर्थ और ब्रिसबेन वनडे के बाद आए। हमने पिछला वनडे 11 दिसंबर को खेला था। हरमनप्रीत ने भी यह स्वीकार किया कि बड़े स्तर पर इस तरह से खेलना आसान नहीं होता है।
उन्होंने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो यह मुश्किल है क्योंकि आप जानते हैं कि हम ऑस्ट्रेलिया से आ रहे हैं। मैच के बाद चार-पांच घंटे के भीतर ही हम देश से रवाना हुए और भारत वापस आ गए, लेकिन पेशेवर खिलाड़ी के रूप में इस तरह की चीज़ें होती रहती हैं और हम सिर्फ़ प्रेरित रहना चाहते हैं। कल ख़राब दिन था इसलिए हमने अच्छी तरह से आराम करने की कोशिश की और हम आज के मैच को लेकर उत्सुक हैं।"
"सोचें कि जब आपके पास बहुत कम समय होता है, तो वापस आना और उन चीज़ों पर प्रतिबिंबित करना बहुत मुश्किल होता है जो आपने पहले की हैं। साथ ही, हमें सिर्फ़ सकारात्मक चीज़ों के बारे में बात करते रहना होगा। युवा लड़कियों ने घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया है और वे सकारात्मक भी हैं। मुझे लगता है कि एक साथ रहना बहुत अहम है, जैसा हम कर भी रहे हैं।"
हरमनप्रीत से जब सीरीज़ के लिए टीम में कई खिलाड़ियों को जगह नहीं दी जाने के बारे में पूछा तो उन्होंने चुप्पी साध ली।
भारत ने T20 टीम में कई बदलाव किए हैं, लेकिन अरुंधति रेड्डी और शैफ़ाली वर्मा को बाहर रखना चर्चा का विषय रहा है, ख़ासकर यह देखते हुए कि रेड्डी टी 20 विश्व कप में भारत के संयुक्त सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ थी और शेफ़ाली के पास इस साल भारत के लिए टी20 में दूसरे सबसे अधिक रन हैं।
"मैं कहूंगी कि सही व्यक्ति से पूछो क्योंकि मैं सिर्फ़ उस टीम के बारे में बात कर सकती हूं जो यहां है और यह भी बता सकती हूं कि इस सीरीज़ को जीतने के लिए हम क्या कर सकते हैं। मुझे लगता है कि शेफ़ाली या किसी अन्य खिलाड़ी के बारे में सही व्यक्तियों से पूछना बेहतर है।"