7 साल की सारा ने रचा इतिहास, 36 किलोमीटर समुद्र तैरकर बनी भारत की सबसे युवा ओपन वाटर तैराक

7 साल की उम्र में असंभव को संभव कर दिखाने वाली महाराष्ट्र की सारा अभिजीत वर्तक ने भारतीय खेल इतिहास में नया अध्याय जोड़ दिया है। रायगढ़ जिले की रहने वाली सारा ने अरब सागर में धरमतर पोर्ट से मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया तक 36 किलोमीटर की लंबी और चुनौतीपूर्ण दूरी तैरकर पूरी कर भारत की सबसे कम उम्र की ओपन वाटर लंबी दूरी तैराक बनने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है।यह ऐतिहासिक तैराकी सारा ने मात्र 9 घंटे 32 मिनट में पूरी की। जिस उम्र में बच्चे खेलकूद और पढ़ाई तक सीमित रहते हैं, उस उम्र में सारा ने समुद्र की ऊंची लहरों, तेज धाराओं और अंधेरी रात जैसी कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए यह उपलब्धि हासिल की। उनकी यह तैराकी न केवल शारीरिक क्षमता का उदाहरण है, बल्कि अदम्य साहस और मजबूत इच्छाशक्ति का भी प्रतीक बन गई है।सारा ने अपनी तैराकी की शुरुआत रात के समय की, जब समुद्र में दृश्यता बेहद कम थी। ठंडी हवाएं, ऊंची लहरें, जेलीफिश और प्रदूषित पानी जैसी चुनौतियां पूरे रास्ते उनके सामने रहीं। धरमतर से गेटवे ऑफ इंडिया तक का यह समुद्री मार्ग अनुभवी वयस्क तैराकों के लिए भी बेहद कठिन माना जाता है, जिसे पार करने में कई बार उन्हें लंबा समय लग जाता है। इसके बावजूद सारा ने पूरे सफर में अपनी गति और संतुलन बनाए रखा और बिना रुके लक्ष्य तक पहुंचने में सफल रहीं।इस ऐतिहासिक प्रयास के दौरान सारा के कोच और परिवार के सदस्य लगातार उनके साथ मौजूद रहे। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए समुद्र में साथ साथ नौकाएं भी चलाई गईं, ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके। सारा की हिम्मत और आत्मविश्वास ने पूरे दल को प्रेरित किया।सारा की इस उपलब्धि के बाद सोशल मीडिया पर उनकी जमकर सराहना हो रही है। लोग उनकी मेहनत, लगन और जज्बे की तारीफ कर रहे हैं। खेल प्रेमियों का कहना है कि इतनी कम उम्र में ऐसा कारनामा करना आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा है। विशेषज्ञों का मानना है कि सारा की यह उपलब्धि भारत में ओपन वाटर स्विमिंग को नई पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभा सकती है।
परिवार का कहना है कि सारा शुरू से ही तैराकी को लेकर बेहद उत्साही रही हैं और नियमित अभ्यास के साथ उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। कोच के अनुसार, सारा की मानसिक मजबूती और अनुशासन ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है।महज 7 साल की उम्र में इतिहास रचने वाली सारा अभिजीत वर्तक ने यह साबित कर दिया है कि अगर हौसले बुलंद हों और सपनों को पूरा करने की सच्ची चाहत हो, तो उम्र और मुश्किलें कभी बाधा नहीं बनतीं।
