तस्करों का बड़ा खेल :: फुटबॉल नहीं, फरेब की टीम! जापान पहुंचते ही पाकिस्तान की नकली ‘टीम’ बेनकाब

फुटबॉल नहीं, फरेब की टीम! जापान पहुंचते ही पाकिस्तान की नकली ‘टीम’ बेनकाब
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नई दिल्ली।** मानव तस्करी का कारोबार हर बार नए-नए रूप में सामने आता है, लेकिन इस बार जो खुलासा हुआ है उसने सबको चौंका दिया। पाकिस्तान में तस्करों ने मानव तस्करी को अंजाम देने के लिए पूरे देश की *नकली फुटबॉल टीम* ही खड़ी कर दी। इस टीम के नाम पर 22 लोगों को जापान भेजा गया, लेकिन एयरपोर्ट पर ही असली खेल खुल गया।




पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (FIA) ने इस गिरोह का पर्दाफाश करते हुए मास्टरमाइंड वकास अली को गिरफ्तार कर लिया है। एजेंसी का कहना है कि यह पूरा मामला एक *संगठित मानव तस्करी रैकेट* से जुड़ा हुआ है, जो खेल और वीजा सिस्टम का दुरुपयोग करके लोगों को विदेश भेज रहा था।

एयरपोर्ट पर खुला राज

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह नकली फुटबॉल टीम जून 2025 में 15 दिन के विज़िटर वीजा पर जापान पहुंची। टीम का दावा था कि वे वहां खेल प्रतियोगिता के लिए आए हैं। लेकिन जापानी अधिकारियों को उनके दस्तावेजों और बर्ताव में गड़बड़ियां नज़र आईं।

जांच शुरू हुई तो सच्चाई सामने आई — कोई भी खिलाड़ी पेशेवर फुटबॉल का अनुभव नहीं रखता था और टीम का गठन सिर्फ़ मानव तस्करी के लिए किया गया था। तत्पश्चात सभी 22 सदस्यों को हिरासत में लेकर तुरंत पाकिस्तान निर्वासित कर दिया गया।

### FIA की कार्रवाई

निर्वासन की सूचना मिलने के बाद FIA हरकत में आई और जांच शुरू की। एजेंसी ने गिरोह के सरगना वकास अली को गिरफ्तार कर लिया है। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि यह पूरा नेटवर्क युवाओं को “खेल में विदेश जाने” का सपना दिखाकर ठगता था और मोटी रकम लेकर उन्हें बाहर भेजने की कोशिश करता था।

### मानव तस्करी का नया तरीका

यह मामला पाकिस्तान में मानव तस्करी के नए और खतरनाक तरीकों को उजागर करता है। अब तक तस्करी ज्यादातर *शिक्षा, नौकरी या पर्यटन वीजा* के नाम पर होती थी, लेकिन अब खेल के नाम पर भी इसका इस्तेमाल शुरू हो गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रवृत्ति न केवल देश की *खेल छवि* को धूमिल करती है बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी *वीजा और खिलाड़ियों की साख* को चोट पहुँचाती है।

### अंतरराष्ट्रीय चिंता

मानव तस्करी वैश्विक स्तर पर गंभीर अपराध है और इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को भी चिंता में डाल दिया है। जापान ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है कि इस तरह की घटनाएं दोनों देशों के *खेल व सांस्कृतिक आदान-प्रदान* को प्रभावित कर सकती हैं।

पाकिस्तान में उजागर हुआ यह मामला बताता है कि किस तरह तस्कर नए-नए हथकंडे अपनाकर युवाओं को झांसे में ले रहे हैं। फुटबॉल जैसे लोकप्रिय खेल का नाम इस्तेमाल करके किया गया यह कृत्य न केवल *खतरनाक* है बल्कि यह खेल भावना का भी अपमान है। अब देखना होगा कि FIA इस पूरे रैकेट के अन्य सदस्यों तक कब और कैसे पहुंच पाती है।

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