कार में कम हो गया है इंजन ऑयल का स्तर, इन संकेतों से चल सकता है पता

कार में कम हो गया है इंजन ऑयल का स्तर, इन संकेतों से चल सकता है पता
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अगर आपके पास कार है तो आपको पता होगा कि कार लगभग इंजन के ऊपर ही निर्भर करती है। कार की क्षमता बढ़ाने से लेकर बेहतर माइलेज तक सबकुछ इंजन की क्षमता पर ही निर्भर है। यही वजह है कि कार पूरी क्षमता के साथ चले और इंजन में किसी तरह की खराबी न हो, इसके लिए इंजन को लुब्रिकेट करना बेहद जरूरी है। ऐसे में कार के इंजन ऑयल को भी नियमित अंतराल पर चेक करना पड़ता है। आइए आगे जानते हैं कि वो कौन से संकेत हैं, जिनसे पता चलता है कि इंजन ऑयल कम हो गया है।

इंजन ऑयल को रखें साफ

इंजन ऑयल अगर सही स्तर पर होगा तो कार अपनी क्षमता के साथ चलती है, यह बात तो आप जानते होंगे। मगर क्या जब इंजन ऑयल गंदा हो जाए तो इसे साफ करना जरूरी है। अगर इंजन ऑयल को साफ नहीं किया जाएगा तो इंजन ऑयल की गंदगी इंजन के अन्य हिस्सों को नुकसान पहुंचा सकती है।

इस तरह से चेक करें इंजन ऑयल का स्तर

अगर आप नहीं जानते हैं तो आपको जानकारी के लिए बता दें कि इंजन ऑयल के स्तर की जांच करने के लिए एक डिपस्टिक मिलती है। आगे जानिए क्या है इंजन ऑयल चेक करने का तरीका। कार के इंजन ऑयल के स्तर को चेक करने के लिए सबसे पहले कार को किसी समतल जगह पर पार्क करें। इसके बाद जब तक इंजन ऑयल को चेक न करें,तब तक कि इंजन ऑयल ठंडा न हो जाए। इस प्रक्रिया में 15 से 20 मिनट का समय लग सकता है। इसके साथ ही कार के अन्य पार्ट भी थोड़े ठंडे होने चाहिए।

इस बात का रखें ध्यान

कार के इंजन बोनट को खोलकर एक पीली रंग की डिपस्टिक मिलेगी। यह ज्य़ादातर पीले रंग की होती है। अगर वहां पर नहीं मिलती है तो यह बोनट के बीच में हो सकती है। इसे खोलकर डिपस्टिक को अंदर डालें इसके बाद कुछ सेकेंड का इंतजार करें। इसके बाद डिपस्टिक पर दिए गए मार्क पर ध्यान दें। इसमें कम से लेकर अधिकतर तक की रेंज मिल जाती है। डिपस्टिक पर दिए गए मार्क से अगर नीचे इंजन ऑयल आता है तो इसका स्तर बढ़ाना होगा। वहीं, अगर इंजन ऑयल का स्तर मार्क से ऊपर है तो ड्रेन के जरिए अतिरिक्त इंजन ऑयल को निकाला जा सकता है।

इंजन ऑयल कम होने पर मिलते हैं ये संकेत

कार में अगर इंजन ऑयल का स्तर कम होगा तो कार के इंस्ट्रूमेंट कलस्टर पर लगातार लाइट ऑन रहेगी। यहलाइट स्पीडोमीटर के साथ मिलती है। यह एक वार्निग लाइट होती है। इंजन ऑयल का स्तर कम होने पर कार की माइलेज भी कम हो जाती है। साथ ही गाड़ी की परफॉर्मेस भी घट जाती है। इसके साथ ही इंजन कूलेंट भी गर्म हो जाता है, ऐसे में ओवरहीटिंग होने लगती है। कार थोड़ी ही दूरी चलती है और जल्दी गर्म हो जाती है।

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