कमाई वाला मॉडल ही बन रहा नुकसान का कारण, सीईओ ने कहा- अजीब बात है

कमाई वाला मॉडल ही बन रहा नुकसान का कारण, सीईओ ने कहा- अजीब बात है
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ChatGPT Pro को ओपनएआई ने अपनी कमाई के लिए लॉन्च किया था लेकिन अब यह कंपनी के लिए नुकसान का कारण बन रहा है। OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने हाल ही में X (पहले ट्विटर) पर एक चौंकाने वाला खुलासा किया, जिसमें उन्होंने ChatGPT Pro सब्सक्रिप्शन के साथ कंपनी की वित्तीय चुनौतियों के बारे में बताया। अपने ट्वीट में ऑल्टमैन ने लिखा, "अजीब बात: हम वर्तमान में OpenAI Pro सब्सक्रिप्शन पर नुकसान झेल रहे हैं! लोग इसे हमारी अपेक्षा से कहीं अधिक उपयोग कर रहे हैं।"

सब्सक्रिप्शन की कीमत

ChatGPT Pro सब्सक्रिप्शन, जो एडवांस GPT-4 मॉडल तक पहुंच प्रदान करता है, वैश्विक स्तर पर, भारत सहित काफी लोकप्रिय हो गया है। भारत में यह सब्सक्रिप्शन 200 डॉलर प्रति माह (लगभग 17,000 रुपये) में उपलब्ध है। यह पेशेवरों, व्यवसायों और छात्रों के लिए एक आकर्षक विकल्प बन गया है, जो उत्पादकता और रचनात्मकता को बढ़ावा देना चाहते हैं। Pro सब्सक्राइबर्स को तेज प्रतिक्रिया समय, पीक उपयोग के समय प्राथमिकता और GPT-4 द्वारा संचालित एडवांस सुविधाओं जैसे लाभ मिलते हैं।

बढ़ रही यूजर्स की संख्या, घट रही कमाई

सब्सक्राइबर्स की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन ऑल्टमैन के बयान ने एक बड़ी समस्या को उजागर किया है और वह है अपेक्षा से कहीं अधिक उपयोग। Pro सब्सक्रिप्शन को बड़े पैमाने पर AI मॉडल चलाने की उच्च परिचालन लागत को संतुलित करने के लिए डिजाइन किया गया था, लेकिन वर्तमान उपयोग दर OpenAI के वित्तीय मॉडल के लिए अस्थिर साबित हो रही है। GPT-4 जैसे बड़े भाषा मॉडल को चलाने के लिए विशाल कंप्यूटेशनल संसाधनों की आवश्यकता होती है, जिससे क्लाउड कंप्यूटिंग और सर्वर की लागत बढ़ रही है।

भारत ChatGPT के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार के रूप में उभरा है। शिक्षा, आईटी और कंटेंट क्रिएशन जैसे क्षेत्रों में पेशेवर अपने कार्यों को सरल बनाने और AI-संचालित दक्षताओं का लाभ उठाने के लिए Pro सब्सक्रिप्शन अपना रहे हैं। वैश्विक दरों की तुलना में भारत में अपेक्षाकृत किफायती कीमत ने भी इसकी लोकप्रियता में इजाफा किया है। सैम का यह बयान सब्सक्रिप्शन की नई कीमतों की ओर भी इजाफा कर रहा है।

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