अमेरिकी कोर्ट ने NSO ग्रुप को बताया जिम्मेदार, WhatsApp की बड़ी जीत

अमेरिकी कोर्ट ने NSO ग्रुप को बताया जिम्मेदार, WhatsApp की बड़ी जीत
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मेटा के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप ने इजरायली कंपनी NSO ग्रुप के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कानूनी जीत हासिल की है। अमेरिका के कैलिफोर्निया में एक संघीय न्यायाधीश ने NSO ग्रुप को पेगासस स्पाइवेयर के जरिए लगभग 1,400 व्हाट्सएप उपयोगकर्ताओं के उपकरणों को निशाना बनाने का दोषी ठहराया है।

क्या है पूरा मामला?

व्हाट्सएप ने 2019 में NSO ग्रुप पर मुकदमा दायर किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मई 2019 में कंपनी ने व्हाट्सएप के एक बग का फायदा उठाकर पेगासस स्पाइवेयर के जरिए लगभग 1,400 लोगों के फोन को संक्रमित किया। इन लोगों में पत्रकार, मानवाधिकार कार्यकर्ता और असंतुष्ट व्यक्ति शामिल थे। इस स्पाइवेयर ने व्हाट्सएप सर्वरों तक अवैध पहुंच प्राप्त की और उपयोगकर्ताओं के उपकरणों पर जासूसी सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया, जिससे उनकी बातचीत और डेटा की निगरानी संभव हुई।

अदालत का निर्णय

शुक्रवार को कैलिफोर्निया के ओकलैंड स्थित जिला न्यायाधीश फिलिस हैमिल्टन ने व्हाट्सएप के पक्ष में निर्णय सुनाते हुए NSO को हैकिंग और अनुबंध के उल्लंघन का दोषी ठहराया। अदालत ने कहा कि अब इस मामले में केवल क्षतिपूर्ति के सवाल पर सुनवाई होगी।

व्हाट्सएप के प्रमुख विल कैथकार्ट ने इस फैसले को "निजता की बड़ी जीत" करार दिया। उन्होंने कहा, "हमने पांच साल इस मामले को साबित करने में लगाए क्योंकि हम मानते हैं कि जासूसी करने वाली कंपनियां अपनी गैरकानूनी हरकतों के लिए जवाबदेही से नहीं बच सकतीं।" उन्होंने यह भी कहा कि अवैध निगरानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और व्हाट्सएप लोगों की निजता की सुरक्षा के लिए हमेशा प्रयास करता रहेगा।

भारत में भी चल रहा है मुकदमा

पेगासस और व्हाट्सएप का विवाद भारत में चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट में भी यह मामला पहुंचा है। वैसे तो यह मामला 2019 से ही सुप्रीम कोर्ट में है लेकिन पिछले साल विपक्ष के कुछ नेताओं के फोन पर एपल की ओर से मिले अलर्ट के बाद इस पर दोबारा चर्चा हुई थी लेकिन फिलहाल भारत में पेगासस का मामला ठंडे बस्ते में है।

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