वीडियो अपलोड से पहले जान लें नियम, नहीं तो यूट्यूब हटा सकता है मॉनिटाइजेशन

नई दिल्ली |YouTube अपने यूट्यूब पार्टनर प्रोग्राम यानी YPP के तहत क्रिएटर्स अपने वीडियो पर विज्ञापन दिखाकर कमाई करते हैं। इसके लिए चैनल को तय सब्सक्राइबर, वॉच टाइम और कंटेंट क्वालिटी मानकों को पूरा करना होता है। लेकिन YPP में शामिल होने के बाद भी YouTube लगातार चैनल की समीक्षा करता रहता है। अगर किसी भी स्तर पर यह पाया जाता है कि चैनल YouTube की नीतियों का उल्लंघन कर रहा है, तो उसकी मॉनिटाइजेशन बिना किसी पूर्व सूचना के भी हटाई जा सकती है। आइए जानते हैं यूट्यूब पर किन गलतियों के वजह से चैनल से कमाई बंद हो सकती है।
कॉपीराइट का उल्लंघन
यूट्यूब पर कंटेंट क्रिएटर्स की यह सबसे आम गलती है। यदि आप अपने वीडियो में किसी और का संगीत (भले ही वह कुछ सेकंड का हो), फिल्म की क्लिप, या किसी अन्य क्रिएटर का वीडियो बिना अनुमति या लाइसेंस के इस्तेमाल करते हैं, तो आपको 'कॉपीराइट क्लेम' या 'स्ट्राइक' मिल सकती है। क्लेम की स्थिति में, वीडियो की पूरी कमाई मूल कॉपीराइट मालिक के पास चली जाती है।
'रीयूज्ड कंटेंट' का इस्तेमाल
कई नए क्रिएटर्स दूसरों के वायरल वीडियो, सोशल मीडिया रील्स या टीवी शोज के हिस्सों को जोड़कर एक नया वीडियो बना लेते हैं। यूट्यूब की नीतियों के अनुसार, यदि आप किसी मौजूदा कंटेंट में अपनी तरफ से कोई महत्वपूर्ण वैल्यू (जैसे- कमेंट्री, रोस्टिंग, एजुकेशनल एंगल या नई एडिटिंग) नहीं जोड़ते हैं, तो उसे 'रीयूज्ड कंटेंट' माना जाता है। यह गलती पूरे चैनल की मॉनिटाइजेशन बंद करवा सकती है।
एब्यूजिव और गाली-गलौज वाले कंटेंट
यूट्यूब अब वीडियो में इस्तेमाल होने वाली भाषा को लेकर बहुत सख्त है। यदि वीडियो की शुरुआत में ही अत्यधिक गाली-गलौज या अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया जाता है, तो चैनल पर स्ट्राइक या मॉनिटाइजेशन की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
हिंसा और ग्राफिक कंटेंट
खून-खराबा, भयानक दुर्घटनाएं, जानवरों के साथ क्रूरता, या ऐसी कोई भी सामग्री जो दर्शकों को विचलित या परेशान कर सकती है, उस पर विज्ञापन नहीं चलाए जाते। यहां तक कि न्यूज चैनल भी अगर बिना ब्लर किए ऐसी तस्वीरें दिखाते हैं, तो वे डिमोनेटाइज हो सकती हैं।
आपत्तिजनक कंटेंट पर जा सकती है मॉनिटाइजेशन
यूट्यूब आपत्तिजनक कंटेंट या यौन सामग्री को भी प्रमोट नहीं करता है। इस उद्देश्य से बनाया गया कंटेंट यूट्यूब की 'एडवर्टाइजर-फ्रेंडली' नीतियों का सख्त उल्लंघन है। ऐसे वीडियो तुरंत डिमोनेटाइज होते हैं और चैनल को भी खतरा हो सकता है।
हेट स्पीच और उत्पीड़न
किसी धर्म, जाति, लिंग, समुदाय या व्यक्ति विशेष के खिलाफ नफरत फैलाना, धमकी देना या साइबर बुलिंग करना यूट्यूब पर कतई बर्दाश्त नहीं किया जाता। ऐसे मामलों में सिर्फ वीडियो डिमोनेटाइज नहीं होता, बल्कि चैनल को स्थायी रूप से डिलीट भी किया जा सकता है।
विवादास्पद और संवेदनशील मुद्दे
कई बार युद्ध, आतंकवाद, प्राकृतिक आपदाओं या राजनीतिक दंगों पर बने वीडियो, भले ही वे जानकारी देने के उद्देश्य से बनाए गए हों, विज्ञापनदाताओं के लिए उपयुक्त नहीं माने जाते। यूट्यूब इसे 'संवेदनशील घटना' मानकर विज्ञापनों को सीमित कर सकता है।
क्रिएटर क्या करें?
यूट्यूब पर लंबी पारी खेलने के लिए सिर्फ अच्छा कंटेंट बनाना ही काफी नहीं है, बल्कि प्लेटफॉर्म के नियमों को समझना भी जरूरी है। क्रिएटर्स को सलाह दी जाती है कि वीडियो अपलोड करते समय 'सेल्फ-सर्टिफिकेशन' टूल का ईमानदारी से इस्तेमाल करें। यदि आपको लगता है कि आपके वीडियो में कुछ विवादास्पद है, तो उसे स्वयं ही विज्ञापनों के लिए सीमित कर दें, ताकि बाद में सिस्टम द्वारा पकड़े जाने पर आपके चैनल की विश्वसनीयता कम न हो।
