इन दोनों में से कौन सी कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी है बेहतर? जानें डिटेल्स

इन दोनों में से कौन सी कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी है बेहतर? जानें डिटेल्स
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आज के जमाने की मॉडर्न कारें सिर्फ एक जगह से दूसरी जगह तक यात्रा करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मशीन भर नहीं हैं। बल्कि ये हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का एक कंबीनेशन हैं, जो यात्रा एक शानदार एक्सपीरियंस देने के लिए उसमें बहुत कुछ शामिल करती हैं। कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी ने इन-कार यूजर एक्सपीरियंस को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। और जब इन-कार इंफोटेनमेंट सिस्टम की बात आती है, तो Apple CarPlay (एपल कारप्ले) और Android Auto (एंड्रॉइड ऑटो) इस क्षेत्र में दो सबसे लोकप्रिय नाम हैं।

एपल कारप्ले और एंड्रॉइड ऑटो दोनों ही यूजर्स को उनके फोन और कार के कंप्यूटर को सिंक करके कनेक्टेड एक्सपीरियंस देते हैं। जबकि एपल कारप्ले ज्यादातर आईफोन के साथ काम करता है। वहीं एंड्रॉइड ऑटो ज्यादार एंड्रॉइड से चलने वाले मोबाइल फोन के साथ काम करता है। एपल कारप्ले और एंड्रॉइड ऑटो ड्राइवरों को उनके पर्सनल डेटा और वरीयताओं को उन वाहनों के साथ एक्सेस करने की अनुमति देते हैं जिनमें वे सवार हैं।


हालांकि एपल कारप्ले और एंड्रॉइड ऑटो दोनों के मकसद समान हैं। लेकिन उनके फंक्शन और फीचर्स एक जैसे नहीं हैं। दोनों के अपने-अपने खास फायदे और कमियां हैं। यहां हम आपको इन दोनों कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी के बीच तुलना कर इनका फर्क बता रहें हैं।

यूजर इंटरफेस का अंतर

एपल ने हाल ही में iOS 18 पेश किया है, जो एपल कारप्ले में कई बदलाव लेकर आया है। यूजर इंटरफेस और इसकी फंक्शन में कई कस्टमाइजेशन ऑप्शन जोड़े गए हैं। इसमें म्यूजिक, मैप्स और सिरी सजेशन का एक कंसॉलिडेटड व्यू मिलता है। स्प्लिट व्यू, बड़े विजुअल एरिया के साथ डुअल स्क्रीन की सुविधा।

दूसरी ओर, एंड्रॉइड ऑटो को इस साल की शुरुआत में एक अपडेट मिला, जिसमें सबसे नीचे लेटेस्ट इस्तेमाल किए गए म्यूजिक, नेविगेशन और फोन एप के शॉर्टकट दिए गए हैं। इसमें नाउ प्लेइंग कार्ड दिया गया है, जो एक स्मार्ट फीचर है। साथ ही, एंड्रॉइड ऑटो कार यूजर के सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले और डिफॉल्ट एप्लिकेशन को जानता है। जो स्पॉटिफाई या यूट्यूब म्यूजिक दिखाता है।

कॉल और नोटिफिकेशन

एपल कारप्ले को iOS 18 के साथ कुछ अपडेट मिले हैं, जिसमें नोटिफिकेशन से जुड़े अपडेट शामिल हैं। अपडेटेड कार प्ले यूजर्स को नोटिफिकेशन-साइलेंसिंग ऑप्शन देता है, जो ड्राइविंग के दौरान यूजर को कोई परेशानी नहीं होने देता। साथ ही, मैसेज ऑप्शन में अब भेजने वाले की प्रोफाइल पिक्चर दिखाई देती है। जो यूजर को मैसेज के महत्व को तय करने में मदद करती है।

हालांकि, एंड्रॉइड ऑटो की तुलना में एपल कारप्ले ज्यादा दखल देने वाला है। क्योंकि यह स्क्रीन के निचले हिस्से में बैनर दिखाता है। जिससे यूजर को जब गाइडेंस की जरूरत हो तो वह यह नहीं देख सकता कि उसे कहां जाना चाहिए। एंड्रॉइड ऑटो में, बैनर स्क्रीन के टॉप पर दिखाई देते हैं। साथ ही, एंड्रॉइड ऑटो यूजर्स को किसी नोटिफिकेशन को खारिज या म्यूट करने देता है, जो तब सुविधाजनक होता है जब यूजर किसी खास अपडेट के बारे में नोटिफाई नहीं होना चाहता है। लेकिन अन्य सूचनाएं हासिल करना जारी रखना चाहता है।

नेविगेशन का फर्क

एंड्रॉइड ऑटो यूजर्स को अपने रूट को पैन और एक्सप्लोर करने की सुविधा देता है, ठीक वैसे ही जैसे वे अपने फोन पर कर सकते हैं। जबकि एपल डिवाइस यूजर्स को एपल मैप्स से चिपके रहने की जरूरत नहीं है, नेविगेशन एप्लिकेशन का उपयोग करते समय चीजें एपल कारप्ले जितनी सहज नहीं हैं। एपल कारप्ले यूजर्स को मैप को मूव करने के लिए एरो की का इस्तेमाल करना पड़ता है। जो ड्राइविंग करते समय खतरनाक हो सकता है। दूसरी ओर, वैकल्पिक रूट लेना उतना ही आसान है जितना कि एंड्रॉइड ऑटो पर हाइलाइट किए गए रूट को टैप करना।

वॉयस कमांड

वॉयस असिस्टेंट और वॉयस कमांड कार के सिस्टम या फोन के ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) को किसी खास फंक्शन को चलाने के लिए निर्देश देने के बेहतरीन तरीके हैं। यह यूजर को डिवाइस को शारीरिक रूप से संभाले बिना या कार के बटनों को घुमाए बिना अपनी कार या फोन से बातचीत करने की अनुमति देता है। जिससे ड्राइविंग करते समय बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित होती है। एपल कारप्ले और एंड्राइड ऑटो दोनों ही Siri (सिरी) और Google Assistant (गूगल असिस्टेंट) के जरिए इस फंक्शन को सपोर्ट करते हैं। गूगल असिस्टेंट को आमतौर पर रिक्वेस्ट और कमांड को बेहतर ढंग से समझने के लिए बेहतर माना जाता है। और यह सिरी की तुलना में थर्ड-पार्टी सर्विस की ज्यादा बड़ी रेंज को सपोर्ट करता है।

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