जिनपिंग का भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा एक्शन, पूर्व रक्षा मंत्री को पार्टी से निकाला

जिनपिंग का भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा एक्शन, पूर्व रक्षा मंत्री को पार्टी से निकाला

चीन के पूर्व रक्षा मंत्री रहे ली शांगफू पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। तमाम आरोपों के बाद शांगफू को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व वाली कम्युनिस्ट पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। इसके साथ ही उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) ने गुरुवार को अनुशासन का उल्लंघन करने और कानून तोड़ने के मामले में शांगफू के खिलाफ यह फैसला लिया।

ली शांगफू पर क्या हैं आरोप?

बताया गया है कि शांगफू ने गंभीर रूप से कानून का उल्लंघन किया और अपने पद का फायदा उठाया। आरोप है कि अपना हित साधने और दूसरे संस्थानों को फायदा पहुंचाने के लिए उन्होंने बड़ी मात्रा में रिश्वत ली। जांच में यह भी पाया गया है कि शांगफू ने खुद को और दूसरों को लाभ पहुंचाने के लिए कानूनों का उल्लंघन किया।

अक्तूबर 2023 में पद से हटाए गए थे शांगफू

ली शांगफू को शी जिनपिंग ने चीन का रक्षा मंत्री नियुक्त किया था। शागफू, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सबसे महत्वपूर्ण कहे जाने वाले मिसाइल बल के प्रमुख रहे थे। हालांकि, वे पिछले वर्ष लापता हो गए थे। इसके बाद यह कयास लगाए जाने लगे थे कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता की जांच की जा रही है। सीएमसी की अनुशासनात्मक समिति ने 31 अगस्त 2023 को शांगफू के खिलाफ जांच शुरू की और इसके बाद अक्तूबर 2023 में उन्हें पद से हटा दिया गया था।

इन पदों पर कर चुके हैं काम

ली शांगफू इससे पहले पहले सीपीसी के शीर्ष पद स्टेट काउंसलर की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं। इसके अलावा वे केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के सदस्य के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। सीएमसी को राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अध्यक्षता वाली पीएलए की एक उच्च कमान कहा जाता है।

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