ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से पीएम मोदी ने की मुलाकात

ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से पीएम मोदी ने की मुलाकात
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विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया की स्थिति पर भी बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने बढ़ते संघर्ष पर गहरी चिंता व्यक्त की। साथ ही नागरिकों की सुरक्षा और नुकसान की रोकथाम के लिए भारत के आह्वान को दोहराया।

रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से मुलाकात की। दोनों नेताओं से ब्रिक्स सम्मेलन से अलग एक मुलाकात में पश्चिम एशिया की स्थिति को लेकर चर्चा की। इस दौरान पीएम मोदी ने पश्चिम एशिया में शांति बहाल करने पर जोर दिया। साथ ही ईरान और इस्राइल के बीच बढ़ते तनाव को कम करने के लिए भारत की भूमिका को बात की। इसके अलावा दोनों नेताओं ने चाबहार बंदरगाह और अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) सहित प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर भी चर्चा की।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि जुलाई में राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से पीएम मोदी की यह पहली मुलाकात थी। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं के बीच सार्थक चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया की स्थिति पर भी बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने बढ़ते संघर्ष पर गहरी चिंता व्यक्त की। साथ ही नागरिकों की सुरक्षा और नुकसान की रोकथाम के लिए भारत के आह्वान को दोहराया। उन्होंने तनाव करने के लिए बातचीत और कूटनीति की आवश्यकता पर जोर दिया।

विदेश सचिव ने कहा कि राष्ट्रपति पेजेशकियन ने भी पश्चिम एशिया में शांति और सद्भाव की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सभी पक्षों के साथ अपने अच्छे संबंधों को देखते हुए भारत इस संघर्ष को कम करने में भूमिका निभा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पेजेशकियन को उनकी हालिया जीत पर बधाई दी। इसके अलावा ईरान के साथ सदियों पुराने द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने की भारत की प्रतिबद्धता जताई।

मिस्री ने कहा कि दोनों नेताओं ने अपने साझा ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंधों पर जोर दिया और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। इसमें चाबहार बंदरगाह और अंतराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) में सहयोग पर बात हुई। जो कनेक्टिविटी और आर्थिक साझेदारी को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।

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