ट्रंप की आयात शुल्क बढ़ाने की धमकी से चिंता में चीन, खतरे से बचने के लिए नए नीतिगत उपायों का किया एलान

चीन ने अमेरिका की ओर से आयात शुल्क बढ़ाने की धमकी के बाद अपने निर्यात क्षेत्र को बचाने के लिए नए कदम उठाए हैं। इन कदमों का मकसद सख्त विदेशी व्यापार प्रतिबंधों का मुकाबला करना और अपने निर्यात के अनुकूल माहौल तैयार करना है।

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान चीन के खिलाफ व्यापार युद्ध शुरू किया था और चीन के निर्यात पर शुल्क लगाए थे। अब एक बार फिर उन्होंने इन शुल्कों को 60 फीसदी तक बढ़ाने की चेतावनी दी है। इससे चीन के निर्यात पर गंभीर असर पड़ सकता है। बीजिंग को अमेरिका के साथ व्यापार में लाभ मिलता है।

चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ये नए नीतिगत कदम कंपनियों को सख्त विदेशी व्यापार प्रतिबंधों का सक्रिय रूप से मुकाबला करने और निर्यात के लिए अच्छा माहौल बनाने में मदद करेंगे। बीजिंग की ओर से जारी किए गए नौ बिंदुओं के नए दस्तावेज में विदेश व्यापार में स्थिरता को बढ़ावा देने और सकारात्मक आर्थिक विकास को फिर से हासिल करने के उपायों को मजबूत करने का जिक्र किया गया है। इसमें निर्यात ऋण बीमा कवरेज को बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में शामिल कंपनियों के लिए वित्तीय मदद बढ़ाने का प्रस्ताव है। मंत्रालय ने कहा कि वह सीमा पार ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने की योजना बना रहे हैं।

इन उपायों में विशेष कृषि उत्पादों और अन्य वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा देना शामिल है। साथ ही महत्वपूर्ण उपकरणों और उर्जा संसाधनों के आयात को भी बढ़ावा दिया जाएगा। मंत्रालय ने यह भी कहा कि व्यक्तिगत विनिमय को और सुविधाजनक बनाने के लिए वीजा-मुक्त प्रवेश प्रणाली को व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ाया जाएगा।


चीन की अर्थव्यवस्था निर्यात पर निर्भर करती है। लेकिन वर्तमान में यह कई समस्याओं का सामना कर रही है, जिनमें सुस्त घरेलू खपत और दिवालिया हो चुका आवास क्षेत्र शामिल है। पिछले साल चीन का अमेरिका को कुल 427.2 अरब डॉलर का निर्यात था, जबकि अमेरिका से आयात 147.8 अरब डॉलर का था। चीन ने भी पलटवार करते हुए अमेरिका के उत्पादों पर शुल्क लगाए थे। ट्रंप की धमकी के बाद बीजिंग की चिंताएं बढ़ गई हैं और चीन ने अपने निर्यातकों को सुरक्षा देने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।

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