अमेरिका के वीजा के मामले में भारतीयों ने तोड़े सारे रिकॉर्ड; लगातार दूसरे साल 10 लाख का आंकड़ा छुआ
अमेरिका के वीजा के मामले में भारतीयों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है। लगातार दूसरे साल 10 लाख से अधिक का आंकड़ा छुआ है। अमेरिकी दूतावास ने बताया कि भारत में अमेरिकी मिशन ने 2024 में लगातार दूसरे साल 10 लाख से अधिक गैर-आप्रवासी वीजा जारी किए। इसमें रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक वीजा शामिल हैं। यह संख्या भारत से अमेरिका यात्रा की बढ़ती मांग को दर्शाता है, जो खासतौर पर पर्यटन, व्यापार और शिक्षा के उद्देश्यों के लिए है।
एच-1बी वीजा नवीनीकरण के लिए पायलट कार्यक्रम पूरा किया
विदेश विभाग ने इस साल अमेरिका में एच-1बी वीजा नवीनीकरण के लिए एक सफल पायलट कार्यक्रम पूरा किया। इसके तहत भारत के कई विशेषज्ञ श्रेणी के कार्यकर्ता अमेरिका में ही अपने वीजा का नवीनीकरण करवा सके। इस पायलट कार्यक्रम ने हजारों आवेदकों के लिए नवीनीकरण प्रक्रिया को सरल बना दिया। बता दें, विदेश विभाग औपचारिक रूप से 2025 में यूएस-आधारित नवीनीकरण कार्यक्रम स्थापित करने के लिए काम कर रहा है।
भारत में अमेरिकी मिशन ने हजारों आप्रवासी वीजा भी जारी किए। इससे कानूनी तरीके से परिवारों का पुनर्मिलन और कुशल पेशेवरों का अमेरिका में प्रवासन संभव हुआ। ये आप्रवासी वीजा धारक अपने आगमन पर स्थायी निवासी बन गए, जो अमेरिका में पहले से मौजूद भारतीय प्रवासी समुदाय को और मजबूत करेंगे।
24 हजार से अधिक पासपोर्ट दिए
अमेरिकी मिशन ने 24,000 से अधिक पासपोर्ट और अन्य कांसुलर सेवाएं भी प्रदान कीं, जो भारत में रहने और यात्रा करने वाले अमेरिकी नागरिकों के लिए थीं। 2024 में स्मार्ट ट्रैवलर एंरॉलमेंट प्रोग्राम (STEP) का नया संस्करण शुरू किया गया, जिससे अमेरिकी दूतावास और कांसुलेट्स के लिए आपात स्थितियों के दौरान अमेरिकी नागरिकों से संपर्क करना और सुरक्षा संबंधित अलर्ट भेजना आसान हो गया।
सबसे अधिक छात्रों को भेजने वाला देश बना भारत
भारत ने 2024 में पहली बार 2008/2009 शैक्षिक वर्ष के बाद अमेरिका में सबसे अधिक अंतरराष्ट्रीय छात्रों को भेजने वाला देश बनकर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया। इस वर्ष, अमेरिका में अध्ययन करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 331,000 से अधिक रही। भारत ने लगातार दूसरे वर्ष अंतरराष्ट्रीय स्नातक छात्रों का सबसे बड़ा स्रोत बना और भारतीय स्नातक छात्रों की संख्या में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो लगभग 200,000 छात्रों तक पहुंच गई।
अब कई एक्सचेंज विजिटर्स को अपने कार्यक्रमों को पूरा करने के बाद दो साल तक अमेरिका में रहने की अनुमति मिलेगी, जिससे उन्हें अपने करियर और शिक्षा को आगे बढ़ाने के अधिक अवसर मिलेंगे। एक्सचेंज विजिटर्स स्किल्स लिस्ट से भारत को हटाने से इन भारतीय J-1 गैर-आप्रवासी वीजा धारकों के लिए अधिक लचीलापन प्राप्त हुआ है।