फ्रांस में खर्च कटौती के खिलाफ उबाल: देशव्यापी हड़ताल के बीच एफिल टॉवर बंद

पेरिस फ्रांस में एक बार फिर मितव्ययिता नीतियों और खर्च कटौती के खिलाफ लोगों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। गुरुवार को 200 से ज्यादा शहरों और कस्बों में प्रदर्शन हुए, जिसमें श्रमिकों, छात्रों और पेंशनभोगियों ने सरकार की नीतियों का विरोध किया। राजधानी पेरिस में इन प्रदर्शनों का असर एफिल टॉवर तक दिखा, जिसे बंद करना पड़ा।
प्रदर्शनकारियों ने पेरिस के प्लेस द’इटाली से मार्च निकाला। फ्रांस की प्रमुख यूनियनों ने इस देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया। उनका कहना है कि खर्च में कटौती और सामाजिक कल्याण योजनाओं में रोक से मध्यम वर्ग और गरीब तबके की क्रयशक्ति कमजोर होगी। यूनियनों ने अमीर वर्ग पर ज्यादा कर लगाने की मांग उठाई।
यूनियनों का आक्रोश
सीजीटी यूनियन की प्रमुख सोफी बिनेट ने कहा कि यह पहली बार है जब बिना सरकार और बजट के एक महीने में तीन दिन की हड़ताल और प्रदर्शन हो रहे हैं। उन्होंने साफ कहा कि जनता अब चुप नहीं बैठेगी और यही समय है जब फैसले किए जा रहे हैं, इसलिए आवाज बुलंद करना जरूरी है।
नए प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकॉर्नु ने अभी तक अपना बजट पेश नहीं किया है और न ही पूरी कैबिनेट नियुक्त की है। संसद साल के अंत तक बजट पर बहस करेगी। इस बीच, आक्रोशित जनता ने सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है।
शिक्षक और स्वास्थ्यकर्मी भी हुए शामिल
राष्ट्रीय रेल कंपनी एसएनसीएफ ने बताया कि हाई-स्पीड ट्रेनें सामान्य रहीं लेकिन क्षेत्रीय सेवाओं में आंशिक व्यवधान रहा। पेरिस में मेट्रो लगभग सामान्य रही, हालांकि कई उपनगरीय ट्रेनें सीमित क्षमता से चलीं। वहीं कुछ शिक्षक और स्वास्थ्यकर्मी भी हड़ताल में शामिल हुए।
फ्रांस के गृह मंत्रालय के अनुसार गुरुवार दोपहर तक पेरिस के बाहर करीब 85 हजार लोग सड़कों पर उतरे। हालांकि 18 सितंबर को हुए पिछले प्रदर्शन में पांच लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे। यूनियनों का दावा था कि उस दिन एक मिलियन से ज्यादा लोग हड़ताल और प्रदर्शन में शामिल हुए।
